Neem karoli baba: नीम करोली बाबा ने बताए संकट से पार पाने के 4 गुण, अपना लिया तो सफलता दौड़ी आएगी
कई नामचीन लोगों की नई पार लगाने वाले नीम करोली बाबा कहते हैं चिंता मूर्ख लोग करते हैं. बुद्धिमान लोग चिंतन करते हैं. चिंता और चिंतन दोनों में फर्क है. अपनी लक्ष्य को पाने के लिए चिंता करना व्यर्थ है, लेकिन चिंतन जरुरी है ताकि कार्यशैली को मजबूत बना सकें.
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View In Appनीम करोली बाबा कहते हैं जो अपने काम को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं उनकी डिक्शनरी में लापरवाही और आलस जैसे शब्द नहीं होते. मंजिल को पाना है तो इन दो चीजों का त्याग करना बहुत जरुरी है नहीं तो बेवजह की परेशान बढ़ने लगती है.
मनुष्य जीवन में दुख-सुख आते जाते रहते हैं. नीम करोली बाबा कहते हैं दुख का रोना रोने से अच्छा है जो हुआ उससे सीख लेकर आगे बढ़े और दोबारा वह गलती न दोहराएं. जो भूत को ध्यान में रखते हुए भविष्य की सोचता है उसे आसमान में ऊंचाईंया छूने से कोई नहीं रोक सकता.
नीम करोली बाबा के अनुसार कर्म व्यक्ति के दुख और सुख का कारण बनते हैं. हमारे कर्म बुर, दूसरों के लिए बुरी सोच ही तमाम तरह की परेशानियों को न्योता देती है इसलिए किसी का भला न कर पाएं तो बुरा भी न करें. कर्म प्रधान बनें, भाग्य खुद-ब-खुद आपके साथ चलेगा.
सुख-सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए पैसा बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन धन का अनावश्यक और अनैतिक खर्च व्यक्ति के भविष्य को अधर में लटका देता है. नीम करोबी बाबा के अनुसार पैसा संचय के साथ, उसकी उपयोगिता के बारे में पता होने भी जरुरी है तभी व्यक्ति अर्श से फर्श तक पहुंच पाता है.
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