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Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष की मातृ नवमी का है खास महत्व, जानें श्राद्ध की विशेष विधि
Matri Navami 2022: पितृ पक्ष में मातृ नवमी के दिन दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों का पिंडदान किया जाता है. इस बार मातृ नवमी 19 सितंबर को है. मातृ नवमी का श्राद्ध करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है
![Matri Navami 2022: पितृ पक्ष में मातृ नवमी के दिन दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों का पिंडदान किया जाता है. इस बार मातृ नवमी 19 सितंबर को है. मातृ नवमी का श्राद्ध करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/f9af896480190732018fe4327d2835ae1662960141824343_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मातृ नवमी की श्राद्ध विधि
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![हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है. पितृ पक्ष में पूरे 15 दिनों तक पितरों का पिंडदान किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. पितृ पक्ष में मातृ नवमी का है खास महत्व होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/4efdd2f969559e8b1c92e99f32ded48ec9235.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है. पितृ पक्ष में पूरे 15 दिनों तक पितरों का पिंडदान किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. पितृ पक्ष में मातृ नवमी का है खास महत्व होता है.
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![मातृ नवमी अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को पड़ती है. इस दिन दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों का पिंडदान किया जाता है जिनकी मृत्यु सुहागिन के रूप में हुई हो. इसे मातृ नवमी श्राद्ध कहते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/3fb5ed13afe8714a7e5d13ee506003dd2f597.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मातृ नवमी अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को पड़ती है. इस दिन दिवंगत माताओं, बहुओं और बेटियों का पिंडदान किया जाता है जिनकी मृत्यु सुहागिन के रूप में हुई हो. इसे मातृ नवमी श्राद्ध कहते हैं.
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![इस साल अश्विन माह की नवमी तिथि 19 सितंबर को है. नवमी तिथि 18 सितंबर की शाम 4:30 बजे से लेकर 19 सितंबर की शाम 6:30 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार 19 सितंबर को मातृ नवमी का श्राद्ध किया जाएगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/135007e7085979a7d5b41ce54c0e54d738816.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस साल अश्विन माह की नवमी तिथि 19 सितंबर को है. नवमी तिथि 18 सितंबर की शाम 4:30 बजे से लेकर 19 सितंबर की शाम 6:30 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार 19 सितंबर को मातृ नवमी का श्राद्ध किया जाएगा.
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![मान्यता है कि मातृ नवमी का श्राद्ध करने से परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है. घर की महिला इस दिन पूजा-पाठ और व्रत रखें तो उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मातृ नवमी के दिन दिवंगत माताओं का श्राद्ध करने से उनकी कृपा पूरे घर पर बनी रहती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/fac4ef5554f69012fe38d2f1d4e245a64bfbd.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मान्यता है कि मातृ नवमी का श्राद्ध करने से परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है. घर की महिला इस दिन पूजा-पाठ और व्रत रखें तो उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मातृ नवमी के दिन दिवंगत माताओं का श्राद्ध करने से उनकी कृपा पूरे घर पर बनी रहती है.
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![मातृ नवमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद सफेद कपड़े पहने चाहिए. घर की दक्षिण दिशा में एक चौकी पर सफेद आसन बिछाएं. अब इस पर मृत परिजन की फोटो रखकर उन्हें फूलों की माला पहनाएं. उनकी फोटो के आगे काले तिल का दीपक जलाएं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/adaf0ad2e085c835a82b2f021fe236aeae706.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मातृ नवमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद सफेद कपड़े पहने चाहिए. घर की दक्षिण दिशा में एक चौकी पर सफेद आसन बिछाएं. अब इस पर मृत परिजन की फोटो रखकर उन्हें फूलों की माला पहनाएं. उनकी फोटो के आगे काले तिल का दीपक जलाएं.
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![मृत परिजन को गंगाजल और तुलसी दल अर्पित करें. मातृ नवमी के दिन गरुड़ पुराण या श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/8edf7a7a5a1a02d56d23914f476be13ef8b99.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मृत परिजन को गंगाजल और तुलसी दल अर्पित करें. मातृ नवमी के दिन गरुड़ पुराण या श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है.
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![मातृ नवमी का श्राद्ध करने के बाद मृत परिजन के लिए भोजन का अंश निकालें. इसके साथ ही गाय, कौआ, चींटी, चिड़िया और ब्राह्मण को भी के लिए भी भोजन निकालें. तभी आपका श्राद्ध पूर्ण माना जाएगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/12/4feb60ff5e0b78f71522a168610a7666a93fb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मातृ नवमी का श्राद्ध करने के बाद मृत परिजन के लिए भोजन का अंश निकालें. इसके साथ ही गाय, कौआ, चींटी, चिड़िया और ब्राह्मण को भी के लिए भी भोजन निकालें. तभी आपका श्राद्ध पूर्ण माना जाएगा.
Published at : 12 Sep 2022 10:54 AM (IST)
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