Prayagraj Triveni Sangam: प्रयागराज में कौन तीन नदियों का संगम होता है ?
हिंदू धर्म में अधिकतर तीर्थ नदियों के तट पर ही बसे हुए हैं. त्रिवेणी वो स्थान है जहां तीन नदियां आकर मिलती हैं.सनदियों का संगम होता है.
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View In Appप्रयागराज में संगम वो स्थान है जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है. प्रयाग में गंगा और यमुना अलग-अलग नजर आती हैं लेकिन कहते हैं सरस्वती नदी का अस्तित्व अदृश्य रूप में बहता हुआ माना गया है.
मत्स्यपुराण में कहा गया है कि दस हजार या उससे भी अधिक तीर्थों की यात्रा का जो पुण्य मिलता है, उतना ही माघ के महीने में संगम स्नान से मिलता है.
हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में संगम तट पर स्नान करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन भर के पापों से छुटकारा मिल जाता है, ऐसी मान्यता है.
अगले साल 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज हो रहा है. ऐसे में संगम पर हजारों-करोड़ो श्रद्धालु आस्था की डूबकी लगाएंगे.
महाकुंभ में साधु और संत के स्नान को सम्मानपूर्वक शाही स्नान कहा जाता है. संगम पर उनके स्नान के बाद भक्त व श्रद्धालु स्नान करते हैं.
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