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Ravana: रावण के क्या वाकई में 10 सिर थे, इसके पीछे क्या रहस्य था?
Ravana: रावण को 10 सिरों के कारण जाना जाता है. इसलिए उसे दशानन (Dashanan) भी कहा जाता है. लेकिन क्या सच में रावण के 10 सिर थे या यह केवल भ्रम है. आइये जानते रावण के 10 सिर से जुड़े रहस्य हैं.
![Ravana: रावण को 10 सिरों के कारण जाना जाता है. इसलिए उसे दशानन (Dashanan) भी कहा जाता है. लेकिन क्या सच में रावण के 10 सिर थे या यह केवल भ्रम है. आइये जानते रावण के 10 सिर से जुड़े रहस्य हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/05/ef195d698b2ec37e0d63118571fd759a1717588007300466_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दशानन रावण
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![रामायण (Ramayan) की कथा में रावण प्रमुख पात्र था, जिसके बिना रामकथा (Ram Katha) अधूरी है. परमज्ञानी और वेदों के ज्ञाता रावण अपने 10 सिरों के कारण दशानन कहलाएं. लेकिन क्या वाकई रावण के 10 सिर थे. कुछ विद्वानों के अनुसार रावण के 10 सिर नहीं थे, बल्कि वह 10 सिर होने का भम्र पैदा करता था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/05/6508155b43a82de9ac6a7e25413d17d3cc178.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रामायण (Ramayan) की कथा में रावण प्रमुख पात्र था, जिसके बिना रामकथा (Ram Katha) अधूरी है. परमज्ञानी और वेदों के ज्ञाता रावण अपने 10 सिरों के कारण दशानन कहलाएं. लेकिन क्या वाकई रावण के 10 सिर थे. कुछ विद्वानों के अनुसार रावण के 10 सिर नहीं थे, बल्कि वह 10 सिर होने का भम्र पैदा करता था.
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![जैन धर्म शास्त्रों के अनुसार, रावण के 10 सिर नहीं थे. रावण के गले में बड़ी-बड़ी गोलाकार 9 मणियां थीं, जोकि उसे उसकी मां कैकसी (Ravana Mother Kaikasi) ने दिया था. इन्हीँ नौ मणियों में उसका सिर दिखाई देता था और रावण दस सिर होने का भ्रम पैदा करता था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/05/26262fdaba4234909ef2eadeb5a286bf658a8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जैन धर्म शास्त्रों के अनुसार, रावण के 10 सिर नहीं थे. रावण के गले में बड़ी-बड़ी गोलाकार 9 मणियां थीं, जोकि उसे उसकी मां कैकसी (Ravana Mother Kaikasi) ने दिया था. इन्हीँ नौ मणियों में उसका सिर दिखाई देता था और रावण दस सिर होने का भ्रम पैदा करता था.
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![वहीं अधिकतर विद्वानों और धर्म-पुराणों में भी रावण को मायावी बताया गया है, जिसके पास कई शक्तियां और सिद्धियां थी. वह कई तरह के इंद्रजाल यानी जादू (Magic) भी जानता था. अपनी शक्ति और माया से रावण दस सिर होने का भम्र पैदा करता था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/05/f2af15896dbbc79c6fdd1efac6fd04ccd73ee.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं अधिकतर विद्वानों और धर्म-पुराणों में भी रावण को मायावी बताया गया है, जिसके पास कई शक्तियां और सिद्धियां थी. वह कई तरह के इंद्रजाल यानी जादू (Magic) भी जानता था. अपनी शक्ति और माया से रावण दस सिर होने का भम्र पैदा करता था.
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![हिंदू मान्यता के अनुसार, रावण के दस सिर थे, जोकि उसे भगवान शिव (Lord Shiva) के आशीर्वाद से प्राप्त हुए थे. बता दें कि रावण भगवान शिव का परम भक्त था. रावण की भक्ति से प्रसन्न होकर महादेव ने उसे दशानन होने का वरदान दिया था. हालांकि रावण के 10 सिर को 10 बुराई का प्रतीक माना जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/05/87a7ca2dc2f36872c68891df66ee61da320ff.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हिंदू मान्यता के अनुसार, रावण के दस सिर थे, जोकि उसे भगवान शिव (Lord Shiva) के आशीर्वाद से प्राप्त हुए थे. बता दें कि रावण भगवान शिव का परम भक्त था. रावण की भक्ति से प्रसन्न होकर महादेव ने उसे दशानन होने का वरदान दिया था. हालांकि रावण के 10 सिर को 10 बुराई का प्रतीक माना जाता है.
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![रामचरितमानस (Ramcharitmanas) में भी रावण के दस सिर की चर्च की गई है. इसके अनुसार कृष्णपक्ष की अमावस्या से चले युद्ध के दौरान रावण के एक-एक सिर कटते गए और शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को रावण का वध हुआ. इसलिए दशहरा (Dussehra 2024) यानी विजयदशमी (Vijayadashami) को रावण दहन किया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/05/d3134ac511ec4e7a1790a769f25451520468a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रामचरितमानस (Ramcharitmanas) में भी रावण के दस सिर की चर्च की गई है. इसके अनुसार कृष्णपक्ष की अमावस्या से चले युद्ध के दौरान रावण के एक-एक सिर कटते गए और शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को रावण का वध हुआ. इसलिए दशहरा (Dussehra 2024) यानी विजयदशमी (Vijayadashami) को रावण दहन किया जाता है.
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![रामकथा और धर्म ग्रंथों में भले ही रावण को विलेन या खलनायक के रूप में देखा जाता है, लेकिन रावण में कई अच्छाईयां भी थी. उसे तंत्र-मंत्र, वेद, गीत-संगीत का ज्ञान था. रावण परम ज्ञानी, शिव भक्त और महान तपस्वी था. यही कारण है कि रावण जब मृत्यु शैया पर था जब रामजी (Lord Rama) ने लक्ष्मण को उससे गूढ़ ज्ञान लेने को कहा था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/05/c7dc781bfa770a1177aad616a622c5c435fa7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रामकथा और धर्म ग्रंथों में भले ही रावण को विलेन या खलनायक के रूप में देखा जाता है, लेकिन रावण में कई अच्छाईयां भी थी. उसे तंत्र-मंत्र, वेद, गीत-संगीत का ज्ञान था. रावण परम ज्ञानी, शिव भक्त और महान तपस्वी था. यही कारण है कि रावण जब मृत्यु शैया पर था जब रामजी (Lord Rama) ने लक्ष्मण को उससे गूढ़ ज्ञान लेने को कहा था.
Published at : 15 Jun 2024 04:00 PM (IST)
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