Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी आज है, जानें पूजा का मुहूर्त और चंद्र अर्घ्य समय
इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का आरंभ 28 मार्च को शाम 06.56 बजे होगा और समाप्ति 29 मार्च 2024 को रात 08.20 पर होगी. संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत पूर्ण होता है. ऐसे में 28 मार्च को चंद अर्घ्य का समय प्राप्त हो रहा है, इसलिए इसी दिन भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा.
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View In Appकिसी कार्य को पूरा करने में बार-बार बाधाएं आ रही हैं तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर गुड़ में घी मिलाकर गणपति जी को भोग लगाएं. मान्यता है इससे हर कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है.
पैसों की तंगी से छुटकारा पाने के लिए भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर धनदाता गणेश स्तोत्र - ऊं श्रीं ऊं ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम: मंत्र का 11 माला जाप करें. मान्यता है इसे धन आगमन होता है.
पैसों की तंगी से छुटकारा पाने के लिए भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर धनदाता गणेश स्तोत्र - ऊं श्रीं ऊं ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम: मंत्र का 11 माला जाप करें. मान्यता है इसे धन आगमन होता है.
शमी पत्र शनि देव के साथ शिव और गणेश जी को भी प्रिय है. भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर दुख, दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करने के लिए गणपति जी पर शमी पत्र अर्पित करें या फिर शमी के पेड़ का पूजन करें.
लंबे समय से संपत्ति, वाहन या कोई अन्य कीमती वस्तु लेने का विचार है लेकिन धन की समस्या या फिर कोई अड़चने आ रही है तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर श्री गणेश पंचरत्न स्तोत्र का पाठ करें. इससे लाभ मिलता है.
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