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Santo Ki Vani: संतों की वाणी में आज पढ़ें सिखों के दसवें गुरू गुरू गोबिंद सिंह जी की वाणी
Sant Vani: संतों की दिव्य वाणी हमारे जीवन में प्रकाश डालती है और अपने समस्याओं और अच्छआ जीवन जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है. आइये जानते हैं गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी.

संतों की वाणी
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Santo Ki Vani: संतों की वाणी में आज सबसे पहले याद करेंगे सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के उपदेश, आज गुरु गोबिंद सिख जी के जयंती के दिन उनकी वाणी को याद करेंगे. जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की.
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दसवंड देना- गुरु गोबिंद सिंह ने कहा है कि हमें अपनी कमाई का दसवां हिस्सा हमेशा निकालना चाहिए. कमाई आप चाहे जितनी भी करें, लेकिन कमाई में से हमेशा दसवां हिस्सा जरुर निकालें और उसे किसी जरुरतमंद को दान में दें.
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धरम दी किरत करनी- गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा कि हमें अपनी कमाई को ईमानदारी से कमाना चाहिए. किसी भी तरह का गलत काम ना करें. मेहनत का पैसा तभी फलता है जब आप उसे सही ढंग से कमाते हैं.
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किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना- गुरु गोबिंद सिंह जी का मानना है कि हमें जीवन में किसी की बुराई, चुगली से दूर रहना चाहिए. किसी से भी बैर की भावना ना रखें और ईर्ष्या द्वेष से दूर रहें. इन सब कामों को छोड़ मेहनत करें. अपना स्वभाव सभी के साथ अच्छा रखें.
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धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना- गुरु गोबिंद सिंह जी का मानना है कि हमें कभी भी अपने पैसे, जवानी और अपने धर्म या जात का अभिमान नहीं करना चाहिए. इन सभी चीजों का घमंड आपको नहीं करना चाहिए. कोई ये यह सभी चीजें आज हैं कल नहीं.
Published at : 16 Jan 2024 10:00 PM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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