Santo Ki Vani: सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है... संतों की वाणी में आज पढ़ें प्रेमानंद महाराज के अनमोल विचार
कौन क्या कर रहा है इस पर ध्यान मत दो केवल हमे सुधरना है इसपर ध्यान दो. हमें दूसरों के काम से ज्यादा अपने काम पर ध्यान देने की जरुरत है.अपना सुधार कैसे कर सकते हैं, इस बात को जानो और काम करो.
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View In Appहमे सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है किसी व्यक्ति से क्या होगा कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा. अर्थ यह है कि सच्चा प्यार केवल और केवल प्रभु या भगवान से ही हो सकता है, किसी इंसान से नहीं. प्रभु एक मात्र ऐसे हैं जो हमें जानते हैं.
मनुष्य जीवन सत्य मार्ग के लिए है. अच्छे बनो, माँ बाप की सेवा करो,बीमारों की सेवा करो, यही मनुष्य जीवन है. अर्थ यह है कि मनुष्य को केवल अच्छे कर्म करने चाहिए. माता-पिता की सेवा, श्रृद्धा भाव से करें. जो बिमार है उनकी सेवा करें, यही असल जीवन हैं. जरुरतमंदों के लिए हमेशा अपना हाथ आगे बढ़ाएं.
प्रातः काल जब उठे तो गुरुदेव को प्रणाम करके निश्चय करें की आज हम पूरा का पूरा समय आराध्य देव में लगाने की पूरी चेष्टा करेंगे. अर्थ यह है कि जब भी सुबह सवेरे उठें तो ईश्वर का नाम जपें. उनको प्रणाम करें और आराध्य में ध्यान लगाएं.
सभी समस्याओं से सुलझने का एक मात्रा उपाय है प्रभु को अपना वास्तविक मान लो,उनकी जगह पर किसी को मत बैठा लो. अर्थ यह है कि प्रभु को अपना सब कुछ मान लो. प्रभु का दर्जा सबसे ऊपर है. सभी समस्याओं को सुलझाने वाले हमारे प्रभु ही हैं.
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