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भगवान शिव माता पार्वती के साथ कब धरती पर आते हैं, ये कितने समय तक रहते हैं
Sawan 2024: सावन का महीना इस साल 29 दिन का होगा, इसकी शुरुआत 22 जुलाई से होगी और समाप्ति 19 अगस्त 2024 को है. सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, जानें क्यों.
![Sawan 2024: सावन का महीना इस साल 29 दिन का होगा, इसकी शुरुआत 22 जुलाई से होगी और समाप्ति 19 अगस्त 2024 को है. सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, जानें क्यों.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/04/96dd178f2b01fc1ac505d0fbc49ec75e1720073343988499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सावन 2024
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![सावन के महीने में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ अपने सुसराल आते हैं. हरिद्वार के कनखल में भगवान शिव का ससुराल है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/11/e8064e7222494285abf8aeefa3c962b729046.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सावन के महीने में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ अपने सुसराल आते हैं. हरिद्वार के कनखल में भगवान शिव का ससुराल है.
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![पौराणिक मान्यता है कि यहां स्थित दक्ष मंदिर में भगवान शिव और माता सति से विवाह के बंधंन में बंधे थे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/11/49dc1b8324ef684fa1a423c41dad441a31fc3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पौराणिक मान्यता है कि यहां स्थित दक्ष मंदिर में भगवान शिव और माता सति से विवाह के बंधंन में बंधे थे.
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![कथा के अनुसार देवी पिता दक्ष प्रजापति के प्रसिद्ध यज्ञ में चली गई थी जिसमें भोलेनाथ को आमंत्रित नहीं किया गया था, तब उनके पिता ने शिव जी बहुत अपमान किया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/11/b7d42bee039c29c62dbd8975472af1b20a3d8.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कथा के अनुसार देवी पिता दक्ष प्रजापति के प्रसिद्ध यज्ञ में चली गई थी जिसमें भोलेनाथ को आमंत्रित नहीं किया गया था, तब उनके पिता ने शिव जी बहुत अपमान किया था.
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![अपने पति का अपमान देवी सती सहन नहीं कर पाईं और इसी जगह पर उन्होंनें यज्ञ में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. इसके बाद शिव जी का क्रोध सातवें आसमान पर था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/11/180e1ceebd47985f2812025f5ab6a9468a683.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अपने पति का अपमान देवी सती सहन नहीं कर पाईं और इसी जगह पर उन्होंनें यज्ञ में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. इसके बाद शिव जी का क्रोध सातवें आसमान पर था.
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![शिव के गण वीरभद्र ने दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर दिया था. बाद में देवताओं के आग्रह पर शिव जी ने राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाकर दोबारा जीवित किया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/11/12eaf5c0371a64a74ba941b39f21b1b093dc1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शिव के गण वीरभद्र ने दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर दिया था. बाद में देवताओं के आग्रह पर शिव जी ने राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाकर दोबारा जीवित किया था.
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![अपने अभिमान की माफी मांगते हुए दक्ष प्रजापति ने शिव जी से वचन लिया था कि हर साल सावन में वो परिवार सहित यहां निवास करेंगे और उन्हें सेवा का मौका देंगे. तभी से शिव जी, मां पार्वती सावन में पृथ्वी पर आते हैं और भक्तों के कष्ट दूर करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/11/cd02b3d45598080f48d0d4246a3434057b0e9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अपने अभिमान की माफी मांगते हुए दक्ष प्रजापति ने शिव जी से वचन लिया था कि हर साल सावन में वो परिवार सहित यहां निवास करेंगे और उन्हें सेवा का मौका देंगे. तभी से शिव जी, मां पार्वती सावन में पृथ्वी पर आते हैं और भक्तों के कष्ट दूर करते हैं.
Published at : 11 Jul 2024 05:05 PM (IST)
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
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