Sawan 2024: सावन का महीना ही शिव को क्यों प्रिय है, श्रावण मास के क्या हैं नियम? जानें
सावन को देवाधिदेव महादेव का महीना कहा जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सनत्कुमार को कहा कि, मुझे सावन माह अतिप्रिय है. इस महीने की हर तिथि व्रत और पर्व के समान है.
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View In Appजब सनत्कुमार ने शिवजी से सावन के प्रिय होने कारण पूछा तो उन्होंने कहा, पार्वती ने हर जन्म में महादेव को पति के रूप में पाने का प्रण किया था. जब देवी सती ने पिता दक्ष के घर यज्ञ की अग्नि में अपने प्राण त्याग दिए तो उनका दूसरा जन्म हिमाचल और रानी मैना के घर पार्वती के रूप में हुआ.
युवावस्था से ही पार्वती ने श्रावण माह में निराहार रहकर कठोर व्रत किए और मुझे (महादेव) प्रसन्न कर विवाह किया. इसलिए यह महीना मुझे अत्यंत प्रिय होने के साथ विशेष भी है.
सावन शिवजी का प्रिय महीना है. इसलिए इस महीने ऐसा कोई काम नहीं करें, जो शिवजी की नाराजगी का कारण बनें. ऐसे में जान लीजिए सावन माह के क्या नियम हैं.
सावन या शिवजी की किसी भी पूजा में उन्हें सिंदूर, तुलसी, हल्दी, लाल फूल, केतकी फूल, तिल और नारियल आदि न अर्पित करें.
सावन महीने में शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए, पेड़-पौधों को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और तामसिक या मांसाहार भोजन से दूर रहना चाहिए.
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