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Shabri Jayanti 2024: शबरी ने प्रभु श्री राम से कहीं थी कौन सी बातें,यहां पढ़ें दोनों का अद्भुत संवाद
Shabri Jayanti 2024: प्रभु श्री राम और उनकी परम भक्त शबरी कब कैसे और कहां मिले, यहां पढ़ें दोनों का अद्भुत संवाद दोहे और अर्थ के साथ.
![Shabri Jayanti 2024: प्रभु श्री राम और उनकी परम भक्त शबरी कब कैसे और कहां मिले, यहां पढ़ें दोनों का अद्भुत संवाद दोहे और अर्थ के साथ.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/29/fae88835764bcce13d4843310391f04b1709204604880660_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
राम-शबरी संवाद
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![शबरी जयंती 3 मार्च, रविवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन प्रभु श्री राम की परम भक्त शबरी की जयंती मनाई जाती है और उनकी पूजा की जाती है. शबरी के झूठे बेर प्रभु श्री राम ने खाएं थे. शबरी की यह भक्ति देखकर प्रभु श्री राम ने उन्हें मोक्ष प्रदान किया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/29/cf98030f6fe526dca63ea350ea89d3d91549d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शबरी जयंती 3 मार्च, रविवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन प्रभु श्री राम की परम भक्त शबरी की जयंती मनाई जाती है और उनकी पूजा की जाती है. शबरी के झूठे बेर प्रभु श्री राम ने खाएं थे. शबरी की यह भक्ति देखकर प्रभु श्री राम ने उन्हें मोक्ष प्रदान किया था.
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![प्रभु श्री राम और माता शबरी का संवाद यहां पढ़ें, यहां जानें दोनों की बीच संवाद के महत्वपूर्ण दोहे अनुवाद के साथ.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/29/f3aca870b9c6fa0c5022e9ec9ac9f5bfac9f4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
प्रभु श्री राम और माता शबरी का संवाद यहां पढ़ें, यहां जानें दोनों की बीच संवाद के महत्वपूर्ण दोहे अनुवाद के साथ.
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![ताहि देह गति राम उदारा सबरी कें आश्रम पगु धारा सबरी देखि राम गृंह आए मुनि के बचन समुझि जियं भाए अर्थ-उदार हदृय वाले प्रभु श्री काम शबरी माता ते आश्रम में पघारे, शबरी ने श्रीराम को घर में आए देखा तो मुनि मतंगजी के वचनों को याद करके उनका मन प्रसन्न हो गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/29/69fb3c419cd4cdfe48bdec05dafe77eea4bef.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ताहि देह गति राम उदारा सबरी कें आश्रम पगु धारा सबरी देखि राम गृंह आए मुनि के बचन समुझि जियं भाए अर्थ-उदार हदृय वाले प्रभु श्री काम शबरी माता ते आश्रम में पघारे, शबरी ने श्रीराम को घर में आए देखा तो मुनि मतंगजी के वचनों को याद करके उनका मन प्रसन्न हो गया.
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![प्रेम मगन मुख बचन न आवा। पुनि पुनि पद सरोज सिर नावा॥ सादर जल लै चरन पखारे। पुनि सुंदर आसन बैठारे॥ अर्थ- वे प्रेम में मग्न हो गईं, मुख से वचन नहीं निकलता. बार-बार चरण-कमलों में सिर नवा रही हैं. फिर उन्होंने जल लेकर आदरपूर्वक दोनों भाइयों के चरण धोए और फिर उन्हें सुंदर आसनों पर बैठाया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/29/36abc862237ae6ae87d95786582eb9d7dcd0d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
प्रेम मगन मुख बचन न आवा। पुनि पुनि पद सरोज सिर नावा॥ सादर जल लै चरन पखारे। पुनि सुंदर आसन बैठारे॥ अर्थ- वे प्रेम में मग्न हो गईं, मुख से वचन नहीं निकलता. बार-बार चरण-कमलों में सिर नवा रही हैं. फिर उन्होंने जल लेकर आदरपूर्वक दोनों भाइयों के चरण धोए और फिर उन्हें सुंदर आसनों पर बैठाया.
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![कंद मूल फल सुरस अति दिए राम कहुँ आनि। प्रेम सहित प्रभु खाए बारंबार बखानि॥ अर्थ - शबरी ने अत्यंत रसीले और स्वादिष्ट कन्द, मूल और फल लाकर श्री रामजी को दिए. प्रभु ने बार-बार प्रशंसा करके उन्हें प्रेम सहित खाया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/29/f3aca870b9c6fa0c5022e9ec9ac9f5bf78328.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कंद मूल फल सुरस अति दिए राम कहुँ आनि। प्रेम सहित प्रभु खाए बारंबार बखानि॥ अर्थ - शबरी ने अत्यंत रसीले और स्वादिष्ट कन्द, मूल और फल लाकर श्री रामजी को दिए. प्रभु ने बार-बार प्रशंसा करके उन्हें प्रेम सहित खाया.
Published at : 29 Feb 2024 04:40 PM (IST)
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राहुल लाल, राजनीतिक विश्लेषकJournalist
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