Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में शाम को ही क्यों होती है पूजा, जानें शनि प्रदोष का मुहूर्त और पूजन विधि
शनि प्रदोष व्रत में 6 अप्रैल 2024 शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 58 मिनट के बीच पूजा का शुभ मुहूर्त है. ये समय प्रदोष काल माना जाता है.
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View In Appशिव पुराण के अनुसार हर माह की त्रयोदशी तिथि पर सूर्यास्त के बाद शिव जी कैलाश पर प्रसन्न चित्त होकर नृत्य करते हैं. इस दौरान सभी देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं. इस दौरान शिवलिंग में भी भोलेनाथ का वास होता है. यही कारण है कि प्रदोष व्रत में शाम के समय शिव पूजा जल्दी सफल होती है.
मान्यता है कि जब भगवान शिव प्रसन्न हों, उस समय यदि उनका पूजन किया जाए तो वह अपने भक्तों को निराश नहीं करते और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.
सूरज डूबने के बाद और रात होने से पहले प्रदोष काल होता है. प्रदोष व्रत से चंद्रमा के अशुभ असर और दोष दूर हो जाते हैं साथ ही शनिवार के दिन त्रयोदशी में शिवलिंग पूजा करने से शनि जनित दोष खत्म हो जाते हैं.
इस दिन दिनभर फलाहार पर रहें, उसके बाद शाम को शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें. शिव चालीसा, दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें.
शनि प्रदोष व्रत के दिन घर के प्रवेश द्वार पर घोड़े की नाल लगाएं. ऐसा करने से कारोबार में तरक्की और उन्नति होती है. घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है.
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