Shattila Ekadashi 2024: षटतिला एकादशी पर तिल से करें ये 6 काम, बनेंगे बिगड़े काम
तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई थी, इसलिए षटतिला एकादशी के दिन तिल को इन 6 तरह से इस्तेमाल कर कर सुख, धन, वैभव, ऐश्वर्य प्राप्त होता है. षटतिला एकादशी के दिन सबसे पहले तिल को कूटकर उसका उबटन लगाने का महत्व है. मान्यता है इससे त्वचा संबंधी समस्या दूर होती है. सुंदरता बढ़ती है.
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View In Appषटतिला एकादशी पर काले या सफेद तिल पानी में डालकर स्नान करना चाहिए. मान्यता है इससे आरोग्य की प्राप्त होती है. आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है.
षटतिला एकादशी पर तिल को पंचामृत में मिलाकर विष्णु जी का अभिषेक करें, इसे तिलोदक कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार तिल का श्रीहरि से पूजन करने पर जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है.
धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी के दिन तिल दान करने से दरिद्रता, दुख और दुर्भाग्य का नाश होता है. इस दिन काले तिल से तर्पण करने पर पितर प्रसन्न होते हैं. शनि और राहु-केतु की शुभता प्राप्त होती है.
षटतिला एकादशी पर तिल का सेवन करने से रोग समाप्त होते हैं, तिल की तासीर गर्म होती है, इससे अमृत के गुण प्राप्त होते है.
षटतिला एकादशी पर तिल से हवन करना नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है. तिल से आहुति देने पर घर में सुख-शांति का वास होता है.
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