Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर बढ़ जाता है तिल का महत्व, इन 6 तरह से करें प्रयोग

25 जनवरी 2025 को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन तिल का विशेष महत्व होता है, इसलिए इस एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों में षटतिला एकादशी पर 6 तरह से तिल का उपयोग करने की बात कही गई है. आइये जानते हैं षटतिला एकादशी पर कैसे करें तिल का उपयोग.
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षटतिला एकादशी पर उबटन के रूप में तिल का प्रयोग करना चाहिए. नहाने से पहले पूरे शरीर में तिल का उबटन लगाएं, फिर स्नान कर लें. इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और कई तरह के विकार दूर हो जाते हैं.

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, षटतिला एकादशी पर तिल का उपयोग आप हवन में भी कर कते हैं. इसके लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके 5 मुट्ठी तिल लेकर ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते हुए तिल से हवन में आहुति दें. इससे घर पर सुख-समृद्धि का वास होगा और नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी.
एकादशी तिथि पर दान का विशेष महत्व होता है. षटतिला एकादशी पर तिल का दान करना शुभ माना गया है. इस दिन आप तिल का दान जरूर करें. आप तिल के लड्डू बनाकर भी गरीबों में दान कर सकते हैं. इससे शनि का अशुभ प्रभाव कम होगा और दुख-दुर्भाग्य दूर हो जाएगा.
षटतिला एकादशी पर तिल का सेवन भी कर सकते हैं. आप इस दिल तिल के लड्डू, तिल की पट्टी या तिलयुक्त कोई भी सात्विक व्यजंन बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि, आप जो भी बनाएं सबसे पहले उसका भोज भगवान विष्णु को लगाएं. फिर प्रसाद के स्वरूप में इसका सेवन करें.
एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती है. ऐसे में 25 जनवरी को षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में उन्हें तिल और शक्कर का भोग जरूर लगाएं. इससे व्रत-पूजन का दोगुना फल मिलता है.
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