Bhagavad Gita Quotes: श्रीमद् भागवत गीता में लिखी ये बातें नए साल में आपके जीवन में ला सकती हैं बदलाव, जानें गीता से अनमोल वचन
श्रीमद् भागवत में श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि अपनी दिक्कतों के लिए हमें कभी भी संसार को दोषी नहीं ठहराना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले अपने अपने मन में परिवर्तन करना बहुत जरुरी है, मन के परिवर्तन से हम बहुत से दुखों का अंत कर सकते हैं.
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View In Appश्रीमद् भागवत में कहा गया है कि क्रोध मनुष्य को नहीं करना चाहिए. लेकिन आपका क्रोध तब पुणेय बन जाता है कि जब क्रोध धर्म और मर्यादा के लिए किया जाए. लेकिन सहनशीलता पाप तब बन जाती है जब वो धर्म और मर्यादा को ना बचा पाए.
श्रीमद् भागवत में लिखा है कि केवल डरपोक और कमजोर लोग ही चीजों को भाग्य पर छोड़ देते हैं जो मजबूत होते हैं उनको खुद पर भरोसा होता है.वो भाग्य पर निर्भर नहीं रहते.
श्रीमद् भागवत में लिखा है हमें एक दूसरे का साथ हमेशा देना चाहिए. परेशानी में सलाह के साथ साथ भी जरुर दें.सलाह एक ऐसी चीज को साथ कभी नहीं छोड़ता.
श्रीमद् भागवत में लिखा है शरीर नश्वर हैं पर आत्मा अमर है. यह तथ्य जानने पर भी व्यक्ति अपने इस नश्वर शरीर पर घमंड करता है जो कि बेकार है. शरीर पर घमंड करने की बजाय मनुष्य को सत्य स्वीकार करना चाहिए.
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