एक्सप्लोरर
Tulsi Plant Vastu Tips: तुलसी के आसपास नहीं रखें ये पेड़-पौधे, वरना हो सकती है बड़ी मुसीबत
Vastu Tips: हिंदू धर्म प्रत्येक घर पर तुलसी का पौधा होता है. वास्तु में बताया गया है कि, जहां तुलसी का पौधा होता है उसके आसपास कुछ पेड़-पौधे नहीं रखने चाहिए. इससे घर पर नकारात्मकता आती है.

वास्तु टिप्स
1/6

तुलसी का पौधा घर के सुख-समृद्धि व खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि जिस घर पर हरा-भरा तुलसी का पौधा होता है और नियमित इसकी पूजा की जाती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. तुलसी पौधे को लेकर कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिसका पालन जरूर करना चाहिए है. वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे पेड़-पौधों के बारे में बताया गया है, जिसे तुलसी के आस-पास नहीं रखना चाहिए.
2/6

तुलसी और पीपल दोनों को ही हिंदू धर्म में पवित्र और पूजनीय माना गया है. लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, पीपल और तुलसी को कभी आसपास नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि घर पर तुलसी का पौधा होना जहां सुख-समृद्धि का प्रतीक होता है, वहीं घर पर पीपल का पेड़ या पौधा धनहानि का कारण बन सकता है.
3/6

इस बात का भी ध्यान रखें कि, तुलसी के आसपास कांटेदार पेड़-पौधे न हों. तुलसी के आसपास कांटेदार पेड़-पौधे होने से यह घर पर तेजी से नकारात्मकता बढ़ती है और यह दुर्भाग्य का कारण बनता है.
4/6

मदार या ऐसे कोई भी पेड़-पौधे, जिससे दूध जैसा सफेद पदार्थ निकलता हो, उसे भी तुलसी के आसपास नहीं लगाना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसे पेड़-पौधों को तुलसी के नजदीक रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तेजी से बढ़ने लगता है.
5/6

घर पर शमी का पौधा लगाना वास्तु के अनुसार शुभ माना गया है. लेकिन तुलसी के आसपास इसे लगाने से बचना चाहिए. अगर आपके घर दोनों पौधे लगे हुए हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि, शमी और तुलसी के पौधे के बीच कम से कम 4-5 फीट की दूरी जरूर हो. तुलसी और शमी का पौधा आसपास होने से धन संबंधी परेशानियां आती है.
6/6

कैक्टस भी कांटेदार पौधा होता है, इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे घर के लिए शुभ नहीं माना जाता है. वहीं कैक्टस के पौधे को राहु का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इसे तुलसी पौधे के आसपास लगाने से बचना चाहिए.
Published at : 08 Aug 2023 11:00 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
महाराष्ट्र
क्रिकेट
बॉलीवुड
Advertisement


शंभू भद्रएडिटोरियल इंचार्ज, हरिभूमि, हरियाणा
Opinion