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Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत क्यों किया जाता है ? जून में कब है ये, जान लें डेट, महत्व और नियम
Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह में आता है. सुहागिनों के लिए वट सावित्री व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, इस साल जो पहली बार ये व्रत कर रही हैं वह इसका महत्व, तारीख जानें.
![Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह में आता है. सुहागिनों के लिए वट सावित्री व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, इस साल जो पहली बार ये व्रत कर रही हैं वह इसका महत्व, तारीख जानें.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/22/54bbd9055ba3bb89d49cc715f8e6025a1716396574829499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वट सावित्री व्रत 2024
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![ज्येष्ठ अमावस्या पर 6 जून 2024 को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा है. इस दिन शनि जयंती भी है. वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. ये पेड़ अमरता का प्रतीक है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/22/fc516a1a9ee0ffc2731432ef93c490f451476.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ज्येष्ठ अमावस्या पर 6 जून 2024 को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा है. इस दिन शनि जयंती भी है. वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. ये पेड़ अमरता का प्रतीक है.
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![ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 5 जून 2024 को रात 07.54 से शुरू होकर 6 जून 2024 को शाम 06.07 तक रहेगी. इस दिन पूजा के लिए सुबह 10.36 से दोपहर 02.04 तक शुभ मुहूर्त है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/22/e5a31c87deb588632d777eae0db153cd0c1fb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 5 जून 2024 को रात 07.54 से शुरू होकर 6 जून 2024 को शाम 06.07 तक रहेगी. इस दिन पूजा के लिए सुबह 10.36 से दोपहर 02.04 तक शुभ मुहूर्त है.
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![वट सावित्री व्रत सत्यवान-सावित्री की कथा से जुड़ा है, कहते हैं इस दिन सावित्री ने अपनी चतुराई से यमराज को मात देकर सत्यवान के प्राण बचाए थे. तभी से पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत कर पूजा करती हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/22/e3d1c51f64c4fbfeed8e45d27afd28c9f356b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वट सावित्री व्रत सत्यवान-सावित्री की कथा से जुड़ा है, कहते हैं इस दिन सावित्री ने अपनी चतुराई से यमराज को मात देकर सत्यवान के प्राण बचाए थे. तभी से पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत कर पूजा करती हैं.
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![सावित्री ने अपने पति के जीवन के लिए लगातार 3 दिनों तक व्रत रखा था, इसलिए ये व्रत 3 दिनों तक रखा जाता है. वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा और परिक्रमा कर के सौभाग्य की चीजों का दान करती हैं](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/22/fc42d11ee6c9609ba7f259d0eac888e4f848a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सावित्री ने अपने पति के जीवन के लिए लगातार 3 दिनों तक व्रत रखा था, इसलिए ये व्रत 3 दिनों तक रखा जाता है. वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा और परिक्रमा कर के सौभाग्य की चीजों का दान करती हैं
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![व्रत वाले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर घर की सफाई कर के नहाती हैं. इसके बाद पूजा की तैयारियों के साथ नैवेद्य बनाती हैं. फिर बरगद के पेड़ के नीचे भगवान शिव-पार्वती और गणेश की पूजा करती हैं. कच्चे सूत से 11, 21 या 108 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/22/c4bb4b50932e93b92d2d751da7ef241da90e6.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
व्रत वाले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर घर की सफाई कर के नहाती हैं. इसके बाद पूजा की तैयारियों के साथ नैवेद्य बनाती हैं. फिर बरगद के पेड़ के नीचे भगवान शिव-पार्वती और गणेश की पूजा करती हैं. कच्चे सूत से 11, 21 या 108 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें.
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![ये व्रत उत्तर भारत में ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को किया जाता है. वहीं देश के कुछ हिस्सों में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ये व्रत किया जाता है. इस साल वट पूर्णिमा व्रत 21 जून 2024 को है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/22/ba80db71fe8723a206e932e1b53f4b5c8551d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ये व्रत उत्तर भारत में ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को किया जाता है. वहीं देश के कुछ हिस्सों में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ये व्रत किया जाता है. इस साल वट पूर्णिमा व्रत 21 जून 2024 को है.
Published at : 25 May 2024 10:42 AM (IST)
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion