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Vidur Niti: इन कामों को करने वाले लोग कहलाते हैं मूर्ख, इन्हें कोई नहीं करता पसंद
Vidur Niti: महात्मा विदुर की नीतियां लोगों के जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत सहायक हैं. विदुर नीति में उन कामों बताया गया है, जिनको करने वाले को समाज में मूर्ख कहा जाता है.
![Vidur Niti: महात्मा विदुर की नीतियां लोगों के जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत सहायक हैं. विदुर नीति में उन कामों बताया गया है, जिनको करने वाले को समाज में मूर्ख कहा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/23/97313ec35df118093545030aa8e2a5af1669196136477278_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
विदुर नीति
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![Vidur Niti: महाराजा धृतराष्ट्र के साथ महात्मा विदुर के हुए वार्तालाप को विदुर नीति कहा गया है. महाभारत काल के विदुर नीति में महात्मा विदुर ने जीवन के गूढ़ सत्य का उल्लेख किया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/30/45f6a008ab2ef7cd155466fc0f89e8c24ca04.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Vidur Niti: महाराजा धृतराष्ट्र के साथ महात्मा विदुर के हुए वार्तालाप को विदुर नीति कहा गया है. महाभारत काल के विदुर नीति में महात्मा विदुर ने जीवन के गूढ़ सत्य का उल्लेख किया है.
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![विदुर नीति में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को किस तरह का जीवनयापन करना चाहिए. उन्हें किस कामों को नहीं करना चाहिए. विदुर नीति में उन कामों (व्यवहार) का वर्णन है जिनको करने वाला व्यक्ति समाज में मूर्ख कहलाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/30/d6832ebf18d7ef4863db9df7c9b4ae0f2adf4.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
विदुर नीति में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को किस तरह का जीवनयापन करना चाहिए. उन्हें किस कामों को नहीं करना चाहिए. विदुर नीति में उन कामों (व्यवहार) का वर्णन है जिनको करने वाला व्यक्ति समाज में मूर्ख कहलाता है.
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![विदुर नीति के इस श्लोक के माध्यम से आइए जानते हैं कि किस प्रकार के व्यवहार के कारण व्यक्ति को समाज में मुर्ख कहा जाता है. इस तरह का व्यवहार करने वाले को कोई पसंद नहीं करता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/30/b432faffeb17038581c1ed24d6961d632cf4e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
विदुर नीति के इस श्लोक के माध्यम से आइए जानते हैं कि किस प्रकार के व्यवहार के कारण व्यक्ति को समाज में मुर्ख कहा जाता है. इस तरह का व्यवहार करने वाले को कोई पसंद नहीं करता है.
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![श्लोक : अमित्रं कुरुते मित्रं मित्रं द्वेष्टि हिनस्ति च । कर्म चारभते दुष्टं तमाहुर्मूढचेतसम् ।।](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/30/c8f572a750e48f3bd4477fe12a2971b5b1242.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
श्लोक : अमित्रं कुरुते मित्रं मित्रं द्वेष्टि हिनस्ति च । कर्म चारभते दुष्टं तमाहुर्मूढचेतसम् ।।
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![भावार्थ: जो व्यक्ति अपने सच्चे दोस्तों और परिवार के सदस्यों को दुःख देता है व ईर्ष्या करता है और दुष्ट व्यक्ति से दोस्ती करता है. ऐसा ही व्यक्ति हमेशा बुरे कर्मों में लिप्त रहता है. समाज में ऐसे ही व्यक्ति को मुर्ख कहा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/30/e93fa36b0dc632ca30560b870629ea683becb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भावार्थ: जो व्यक्ति अपने सच्चे दोस्तों और परिवार के सदस्यों को दुःख देता है व ईर्ष्या करता है और दुष्ट व्यक्ति से दोस्ती करता है. ऐसा ही व्यक्ति हमेशा बुरे कर्मों में लिप्त रहता है. समाज में ऐसे ही व्यक्ति को मुर्ख कहा जाता है.
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![विदर नीति के अनुसार, सज्जन व्यक्ति को दुष्ट लोगों की संगति से दूर रहना चाहिए और अपने परिवार के विचारों का पालन करना चाहिए. विदुर जी कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति को सफलता स्वतः मिलती है तथा समाज में उसके कुल का नाम रोशन होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/30/2f0a6606d4f942f12d546e7bde3c419cc224a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
विदर नीति के अनुसार, सज्जन व्यक्ति को दुष्ट लोगों की संगति से दूर रहना चाहिए और अपने परिवार के विचारों का पालन करना चाहिए. विदुर जी कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति को सफलता स्वतः मिलती है तथा समाज में उसके कुल का नाम रोशन होता है.
Published at : 01 Dec 2022 07:59 AM (IST)
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