Vidur Niti: मानव के ये 3 दोष जीवन को कर देते हैं बर्बाद, इनसे हमेशा रहें दूर
Vidur Niti: मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसके अंदर हर पल कुछ नया पाने की या कुछ नया करने की लालसा बनी रहती है. अपने इसी जिज्ञासा की बदौलत वह इंसान सुखी या त्रस्त रहता है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appविदुर नीति में यह बताया गया है कि जिन व्यक्तियों के अंदर ये 3 दोष मौजूद रहते हैं. उन्हें जीवन में सफलता नहीं मिलती है. वे हर जगह अपमानित होते हैं. समाज में उनका कोई सम्मान नहीं करता है.
महाभारत की कथा के महत्वपूर्ण पात्र विदुर की नीति में जीवन-युद्ध की नीति ही नहीं, बल्कि जीवन-प्रेम, जीवन-व्यवहार की नीति का भी वर्णन मिलता है. विदुर नीति के अनुसार मनुष्य यदि जीवन में सफल होना चाहता है तो उसे अपनी इन तीन बुरी आदतों को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए.
पर स्त्री का स्पर्श: विदुर नीति के अनुसार, मनुष्य का पहला दोष उसकी अति कामवासना है. जो व्यक्ति कामवासना से ग्रसित हो जाता है. वह पराई स्त्री का सम्मान नहीं करता है, ऐसे लोग काम भावना की अधिकता के कारण अपना नैतिक मूल्य खो देता है..
पर धन का हरण: विदुर नीति के अनुसार मानव का दूसरा दोष लोभ है. लोभी व्यक्तियों की निगाहें हमेशा दूसरों के धन –दौलत पर होती है. वह हमेशा उसे प्राप्त करने के बारे में सोचता रहता है. मनुष्य की ये आदत उसे पतन की ओर ले जाती है.
मित्रों का त्याग: विदुर नीति के अनुसार तीसरा दोष क्रोध का होता है. जो व्यक्ति स्वभाव से क्रोधी होता है, वह दूसरों का सम्मान नहीं करता है. दूसरों का व्यवहार उसे पसंद नहीं होता है. इसीलिए धीरे-धीरे उसके सारे मित्र समाप्त हो जाते हैं. वह व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -