एक्सप्लोरर
खुले आसमान में कब रखी जाती है खीर क्या इसके पीछे मान्यता जानें
Kheer: हिंदू धर्म में चावल की खीर का विशेष महत्व बताया गया है, ये देव अन्न है. मान्यता है कि इसे विशेष दिन पर खुले आसमान के नीचे रखने के बाद ग्रहण किया जाए तो अमृत प्राप्त होता है.
![Kheer: हिंदू धर्म में चावल की खीर का विशेष महत्व बताया गया है, ये देव अन्न है. मान्यता है कि इसे विशेष दिन पर खुले आसमान के नीचे रखने के बाद ग्रहण किया जाए तो अमृत प्राप्त होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/a2cfccb3912a3737a881faf7294ad57b1720249224970499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
खीर भोग
1/6
![चावल को देव अन्न माना गया है. शुभ कार्य में भोग में जरुर बनाई जाती है. चावल से बनी खीर मां लक्ष्मी, विष्णु जी, चंद्र देव और शंकर जी को अति प्रिय है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/7eb9fad49cf96b5b2130485665d4bb95c9ba6.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चावल को देव अन्न माना गया है. शुभ कार्य में भोग में जरुर बनाई जाती है. चावल से बनी खीर मां लक्ष्मी, विष्णु जी, चंद्र देव और शंकर जी को अति प्रिय है.
2/6
![धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे दुध-चावल से बनी खीर रखने से उसमें दैवीय और औषधीय गुण समां जाते हैं. कहते हैं इस खीर को ग्रहण करने वालों को अमृत की प्राप्ति होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/6318efc7c41a4ff5c298798d086d1f5e0f688.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे दुध-चावल से बनी खीर रखने से उसमें दैवीय और औषधीय गुण समां जाते हैं. कहते हैं इस खीर को ग्रहण करने वालों को अमृत की प्राप्ति होती है.
3/6
![इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को है. इस दिन चंद्रोदय शाम 05 बजकर 05 मिनट पर हो जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस रात को चन्द्रमा की किरणों से अमृत बरसता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/6318efc7c41a4ff5c298798d086d1f5ef3635.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को है. इस दिन चंद्रोदय शाम 05 बजकर 05 मिनट पर हो जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस रात को चन्द्रमा की किरणों से अमृत बरसता है.
4/6
![शरद पूर्णिमा का चंद्रमा अन्य दिनों के मुकाबले आकार में बड़ा और औषधीय गुण प्रदान करने वाला माना जाता है. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा वर्ष में एकमात्र ऐसा दिन होता है जब चन्द्रमा सभी सोलह कलाओं के साथ निकलता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/9ced213bdd3dfbb1bac704a8adf6768bff2fe.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शरद पूर्णिमा का चंद्रमा अन्य दिनों के मुकाबले आकार में बड़ा और औषधीय गुण प्रदान करने वाला माना जाता है. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा वर्ष में एकमात्र ऐसा दिन होता है जब चन्द्रमा सभी सोलह कलाओं के साथ निकलता है.
5/6
![धार्मिक मान्यता है कि औषधीय गुणों से भरपूर चंद्रमा की ये किरणें मनुष्य को कई बीमारियों से छुटकारा दिला सकती है. इसलिए इस रात को खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/4b3e74c46b29b21df3e896547633a72fb7daa.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
धार्मिक मान्यता है कि औषधीय गुणों से भरपूर चंद्रमा की ये किरणें मनुष्य को कई बीमारियों से छुटकारा दिला सकती है. इसलिए इस रात को खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाती है.
6/6
![खीर को रात भर खुले आसमान में रखने से चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ती हैं जिससे खीर में भी औषधीय गुण आ जाते हैं. इस खीर को खाने से सेहत अच्छी होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/6230f984d93d306eed34075c02430db41d825.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
खीर को रात भर खुले आसमान में रखने से चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ती हैं जिससे खीर में भी औषधीय गुण आ जाते हैं. इस खीर को खाने से सेहत अच्छी होती है.
Published at : 06 Jul 2024 12:46 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
बिजनेस
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)