जो कार आप देखते-चलाते हैं वो कंपनी के अंदर बनती कैसे है, इन फोटो के जरिए देखें पूरा प्रोसेस
कार बनाने का सबसे पहला प्रोसेस होता है डिजाइन और इंजीनियरिंग. सबसे पहले इंजीनियर और डिजाइनर कार का प्रोटोटाइप तैयार करते हैं. इस प्रोटोटाइप के जरिए ही मॉडल की टेस्टिंग की जाती है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appदूसरा स्टेप होता है स्टैंपिंग का. इसके जरिए कार की बॉडी को तैयार की जाती है. इसके साथ ही कार के और भी पार्ट तैयार किए जाते हैं. ये सब कुछ हाई प्रेशर वाले स्टैंपिंग के जरिए किया जाता है.
तीसरा स्टेप है बॉडी असेंबलिंग का.स्टैंपिंग के बाद जब कार का हर पार्ट तैयार हो जाता है तो इसके हर पार्ट को बॉडी असेंबलिंग के जरिए एक साथ जोड़ा जाता है.
चौथे स्टेप में कार को पेंट किया जाता है. जब कार की पूरी बॉडी को असेंबल कर दिया जाता है तो पूरे मॉडल को पेंट किया जाता है. हालांकि, कई बार कार के अलग-अलग पार्ट को भी असेंबल करके पेंट किया जाता है.
पांचवें स्टेप में इंजन और ट्रांसमिशन को असेंबल किया जाता है. इंजन और ट्रांसमिशन को कार की बॉडी में असेंबल किया जाता है.
छठें स्टेप में पूरे कार में इलेक्ट्रिक वायरिंग होती है. एक बार ट्रांसमिशन और इंजन असेंबल होने के बाद पूरे कार में वायरिंग होती है. इसमें लाइटिंग, साउंड सिस्टम और अलग-अलग तरह की इलेक्ट्रिक वायरिंग होती है.
सातवें और अंतिम स्टेप में इंटीरियर असेंबलिंग होती है. इसके बाद पूरी कार बन कर तैयार हो जाती है. इंटीरियर का काम होने के बाद कार की टेस्टिंग होती है, फिर उसे शिपिंग और डिलेवरी के लिए भेज दिया जाता है.
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