Driving License: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए न करना पडे़ इंतजार, सरकार ने बनाया ये प्लान
दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. दिल्ली में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. इस परेशानी से निपटने के लिए एक प्लान बना रही है, जिससे कि लोगों को कम इंतजार करना पड़े.
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View In Appपरमानेंट ड्राइंविंग लाइसेंट बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देना होता है जिसके लिए एक ट्रैक चाहिए होता है. दिल्ली में आवेदकों की संख्या के मुताबिक ट्रैकों की कमी है.
दिल्ली सरकार इंदिरा गांधी दिल्ली महिला टक्निकल विश्वविद्यालय कश्मीरी गेट, बवाना में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और पूसा, जाफरपुर कलां, मयूर विहार, शाहदरा, जेल रोड और नरेला में पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) में ऑटोमेटेड ट्रैक बनाने की तैयारी कर सकती है.
ऑटोमेटेड ट्रैक का उपयोग 'एस' शेप के स्ट्रेच पर वाहन को रिवर्स करना, पार्किंग, ओवरटेकिंग और क्रॉसिंग के लिए किया जाता है. इसमें अप-ग्रेडिएंट, फॉरवर्ड-8, रिवर्स-एस और ट्रैफिक जंक्शनों के माध्यम से एक आवेदक ड्राइवर के स्किल टेस्ट के लिए किया जाता है, उन्हें 24 स्किल पर मार्क किया जाता है.
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक बनवाने में करीब 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी और बिडिंग के बाद दो महीने में इसके बनने की उम्मीद है.
नए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस चाहने वाले आवेदकों के लिए वेटिंग कम करने में मदद करेंगे. अभी वेटिंग पीरियड करीब दो महीने है. विभाग के पास शहर के विभिन्न हिस्सों में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में 10 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक हैं.
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