Retirement Plan: रिटायरमेंट के लिए ऐसे सेलेक्ट करें बेस्ट प्लान, ध्यान रखें ये जरूरी बातें
हर व्यक्ति अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करता हैं. रिटायरमेंट के लिए दो प्लान सबसे ज्यादा पसन्द किए जा रहे हैं. एक कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और दूसरा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) है. हम यहां दोनों की विशेषताओं की चर्चा करेंगे.
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View In Appइन दोनों विकल्पों में आपकी रिटायरमेंट के लिए बचत को शामिल किया गया है. रिटायर होने पर मोटा अमाउंट आपके लिए जमा करना. EPF हर साल मिलने वाले रिटर्न पर जोर देता है.
NPS एक डिफाइन योगदान योजना है, जहां आपका पैसा इक्विटी और डेट मार्केट में लगाया जाता है. इसका उद्देश्य होता है आपके हर महीने के योगदान को कम्पाउंडिंग करके रिटायरमेंट तक मोटी रकम में बदलना ताकि अच्छी पेंशन आपको मिल सके.
NPS में आपके पास यह ऑप्शन होता है कि आप बता सकते हैं कि आपका कितना पैसा इक्विटी में लगाया जा सकता है. लेकिन इसकी अधिकतम सीमा मासिक योगदान की 75 प्रतिशत है. ईपीएफ में, आपका पैसा कहां निवेश किया जाता है, इस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है. यह फंड का 5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच इक्विटी में निवेश कर सकता है.
एक्सपर्ट्स कि माने तो EPF गारंटीशुदा आय होने के कारण आवश्यक सेवानिवृत्ति खर्चों के लिए बेहतर काम करता है. वहीं, एनपीएस दूसरे अतिरिक्त खर्च या पेंशन के लिए बेहतर विकल्प है.
EPF और NPS दोनों के लिए टैक्स में छूट का प्रावधान है. आप निवेश की जाने वाली राशि के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय से 1.5 लाख रुपये तक की कटौती प्राप्त कर सकते हैं. NPS के लिए आप सेक्शन 80-C (1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की कटौती प्राप्त कर सकते हैं.
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