New Tax Regime: नई कर व्यवस्था को चुनने पर इन कटौतियों और छूट से धोना पड़ेगा हाथ
इस महीने के साथ-साथ नया वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) शुरू हो चुका है. इसके साथ ही हर कोई खासकर टैक्सेबल स्लैब में आने वाले लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचाने के प्रयासों में जुट गए हैं. दो प्रकार की कर व्यवस्था ने टैक्सपेयर्स के लिए यह काम पहले से मुश्किल बना दिया है. आइए जानते हैं कि किस व्यवस्था में कितने फायदे मिलते हैं...
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View In Appसरकार नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने का प्रयास कर रही है. भविष्य में सरकार की योजना सिर्फ एक कर व्यवस्था को ही रखने की है. सरकार ने नई कर व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने के लिए इस बजट में कुछ बदलाव किया. अब नई कर व्यवस्था के तहत भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा.
Standard Deduction के तहत के बाद दोनों टैक्स व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को 1.50 लाख रुपये तक की छूट क्लेम करने की सुविधा मिलती है. इसका मतलब हुआ कि आपकी टैक्सेबल इनकम से 1.50 लाख रुपये कम हो जाते हैं.
पुरानी कर व्यवस्था में होम लोन के ब्याज पर भी छूट क्लेम करने की सुविधा है, जबकि नई टैक्स रिजीम में होम लोन के ब्याज पर छूट क्लेम करने की सुविधा नहीं है.
अगर आप किराये पर रहते हैं तो पुरानी व्यवस्था के तहत एचआरए क्लेम कर सकते हैं. नई कर व्यवस्था में करदाताओं को यह लाभ भी नहीं मिलता है.
पुरानी कर व्यवस्था में होम लोन पर ब्याज और एचआरए दोनों के एवज में लाभ उठाना संभव है. इस तरह आप दोनों क्लेम एक साथ कर ज्यादा से ज्यादा टैक्स सेविंग कर सकते हैं.
पुरानी कर व्यवस्था के तहत 80सी, 80डी, 80सीसीडी समेत कई तरह के एक्जेम्पशंस और डिडक्शंस का लाभ मिलता है. हालांकि पुरानी कर व्यवस्था सिर्फ तभी फायदेमंद है, जब आप ज्यादा से ज्याद डिडक्शंस क्लेम करते हों. इसके लिए आपको टैक्स एडवाइजर की मदद लेकर अपनी इनकम के हिसाब से सेविंग व इन्वेस्टमेंट करने होंगे.
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