Income Tax News: अभी से शुरू कर दें टैक्स बचाने का काम, लेट-लतीफी से होंगे ये नुकसान
एक अप्रैल से वित्त वर्ष 2023-24 शुरू हो गया है. इस बार टैक्स बचाने की प्लानिंग कर व्यवस्था चुनने के साथ शुरू हो रही है. टैक्स सेविंग और फाइनेंशियल प्लानिंग कदम से कदम मिलाकर चलें, इसके लिए अभी से ब्लूप्रिंट तैयार कर लें. लास्ट मिनट पर टैक्स बचाने का चक्कर नुकसान करा सकता है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appवित्त वर्ष 2023-24 से नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट व्यवस्था बनाया गया है. हालांकि, पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प मिलेगा, लेकिन आपको उसे चुनना होगा. वेतनभोगी व्यक्तियों को कर व्यवस्था चुनने के लिए ई-मेल आने लगे होंगे, ताकि नियोक्ता यानी कंपनी उचित टीडीएस काट सके. बजट में नई व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं, जिसके बाद इसमें सेविंग बढ़ गई है.
नई व्यवस्था में टैक्स बचाने के लिए निवेश करने की जरूरत नहीं है. यहां आपको वित्तीय सुरक्षा और वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखकर निवेश करना चाहिए, लेकिन अगर आप पुरानी व्यवस्था चुनते हैं तो टैक्स बचाने के लिए निवेश का सहारा लेना होगा.
PPF में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स-फ्री है और इसमें जोखिम न के बराबर है. PPF में अभी 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज है. पुरानी कर व्यवस्था में PPF में निवेश पर आयकर कानून की धारा 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS में पैसा इक्विटी आधारित प्रोडक्ट में लगता है इसलिए लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद की जाती है. टैक्स बचाने के साथ ज्यादा रिटर्न पाने के लिए यह अच्छा विकल्प है. ध्यान रखें कि ELSS में फिक्स नहीं बल्कि बाजार के हिसाब से रिटर्न मिलता है. इसमें 3 साल का लॉक-इन है, जो दूसरे टैक्स बचाने वाले विकल्पों की तुलना में सबसे कम है.
टैक्स बचाने और बुढ़ापे के लिए पूंजी जोड़ने दोनों के लिहाज से नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS एक अच्छा विकल्प है. इसमें निवेश करने पर 50,000 रुपयेए की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है, जो 80C के डेढ़ लाख रुपये के डिडक्शन के ऊपर है. अगर आप नई कर व्यवस्था चुनते हैं तो 50,000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन नहीं मिलेगा. हालांकि, रिटायरमेंट के लिए अच्छा पैसा जोड़ सकते हैं.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -