Fixed Deposit Rates: बच्चों के नाम पर करें फिक्स डिपॉजिट, जानें ब्याज पर कितना देना होगा टैक्स!
Fixed Deposit को लेकर आपको अगर कोई कंफ्यूज है तो आपको बता दें कि ज़्यादातर एफडी पर हर साल मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है. FD पर ब्याज पूरी अवधि के बाद ही मिलता है. आप चाहें तो हर साल बैंक से इसका सर्टिफिकेट ले सकते हैं.
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View In Appटैक्स लायबिलिटी (Tax Liability) कम करने के लिए कई आधार पर आय के विकल्प का मूल्यांकन करने की जरूरत होती है.
एक करदाता के पास विकल्प होता है कि वह अपनी आय को दो तरीके से प्रस्तुत करे या नकदी के आधार पर या दो अन्य आधार पर, जिनमें बिजनेस व प्रोफेशन से होने वाला लाभ और अन्य माध्यम से होने वाला लाभ शामिल है. बैंक डिपॉजिट पर होने वाली कर कटौती सामान्यतः अन्य माध्यम से होने वाली आय पर होती है.
Fixed Deposit आपके नाबालिग बेटे-बेटी के नाम पर किया जा रहा है, इसलिए उसके नाबालिग रहने के दौरान एफडी से अर्जित आय को आपकी इनकम के साथ जोड़ दिया जाएगा. हालांकि जब तक कि वह बड़ा नहीं हो जाता.
अगर आप ब्याज आय के लिए नकद आधार का पालन कर रहे हैं, तो इंटरेस्ट आपके बच्चे की आय में फिक्स डिपॉजिट की परिपक्वता के समय जोड़ा जाएगा जब वह वयस्क हो जाएगा. ध्यान रहे कि एक बार अपनाई पद्धति का साल दर साल लगातार पालन करना पड़ता है.
आपके बच्चे के हाथ में पूरे साल का ब्याज कर योग्य हो. इसके लिए एफडी का मूल कार्यकाल उसके वयस्क होने तक होना चाहिए.
अगर एफडी की अवधि इससे कम है और फिक्स डिपॉजिट आपके बेटे की अवस्यक की अवधि के दौरान रिन्यू हो जाती है, तो इस तरह की एफडी पर ब्याज आपकी आय में जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि ब्याज आपको प्राप्त हुआ माना जाता है. इसलिए आपको टैक्स लायबिलिटी (Tax Liability) कम करने के लिए विभिन्न आधार पर आय के विकल्प का मूल्यांकन करने की जरूरत होती है.
FD से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स रिटर्न में हर साल आपकी कुल इनकम में जोड़ा जाता है. यदि बैंक एफडी के ब्याज पर टीडीएस (TDS) नहीं काटता है तो ब्याज की कमाई को आपकी कुल कमाई के साथ जोड़ा जाता है. उसी के हिसाब से टैक्स लगता हैं. हर साल ब्याज की कमाई को आईटीआर में दिखाएं.
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