Gold Price: फीकी पड़ सकती है सोने की चमक, अमेरिकी सेंट्रल बैंक का ये कदम गिरा सकता है भाव
सोना यानी गोल्ड पुराने समय से पूरी दुनिया की पसंद है. भारत में तो सोने के प्रति आकर्षण कुछ ज्यादा ही है. यहां निवेश के माध्यम के अलावा आभूषण बनने में सोने का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.
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View In Appयही कारण है कि भारत पुराने जमाने से सोने के मामले में सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक रहा है. कीमतें बढ़ जाने के बाद भी सोना डिमांड में बना रहता है, क्योंकि हर साल शादी-विवाह के सीजन में इसकी डिमांड जोर पकड़ लेती है.
पिछले एक-डेढ़ साल सोने के लिहाज से काफी अच्छे साबत हुए हैं. दरअसल जब-जब वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता बढ़ती है, सोने की डिमांड बढ़ जाती है.
अनिश्चितता के दौर में सोने के भाव बढ़ने का कारण है कि दुनिया भर के निवेशक इसे सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं. इस कारण जब बाजार खराब होने लगता है, निवेशक सोने में पैसे झोंकने लग जाते हैं.
मौजूदा सप्ताह की बात करें तो यह भी सोना के लिए अच्छा रहा है. सप्ताह के दौरान सोने के भाव में 1.3 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.
वैश्विक बाजार में सोने की कीमत अभी 1,914 डॉलर प्रति औंस के आस-पास है, जबकि घरेलू बाजार में यह 58 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर चल रहा है.
हालांकि आने वाले दिनों में सोने के भाव में नरमी देखने को मिल सकती है. इसका कारण अमेरिका से जुड़ा हुआ है. अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने इस बात के संकेत दिए हैं.
दरअसल फेडरल रिजर्व ने आगे भी ब्याज दरें बढ़ाने का संकेत दिया है. अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निवेशक सोने के बजाय बॉन्ड की ओर भागेंगे, जिससे सोने की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं.
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