Golden Harvest Scheme: इस फेस्टिव सीजन सोना खरीदने में न करें गलती, घाटे का सौदा है ज्वलेर्स की ये स्कीम
त्योहारी सीजन सिर पर है. भारत में इस सीजन में सोने की बिक्री हर साल बढ़ जाती है. पुराने जमाने से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि त्योहारों के शुभ अवसरों पर सोना खरीदना भाग्यशाली होता है. स्वाभाविक है कि इस साल भी फेस्टिव सीजन में बहुत सारे लोग सोना खरीदने की तैयारी कर रहे होंगे.
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View In Appअगर आप भी त्योहारों के दौरान सोना खरीदना चाहते हैं तो आज हम आपको आपके फायदे की एक महत्वपूर्ण बात बताने जा रहे हैं. इसे जान लेने के बाद संभव है कि आप अपना फैसला बदल लें या फिर सोना खरीदने का आपका तरीका बदल जाए और आप घाटे का सौदा करने से बच जाएं.
ज्वेलरी के दुकानदारों के पास आपके लिए एक स्कीम होती है, जिसे एक्सपर्ट गोल्डेन हार्वेस्ट स्कीम नाम देते हैं. यह स्कीम गोल्डेन हार्वेस्ट आपको नहीं देती है, बल्कि सर्राफा कारोबारियों को देती है.
आपने भी ज्वेलरी की दुकानों में इस स्कीम को देखा होगा. इसमें आपको ऑफर मिलता है कि आप हर महीने एक तय रकम स्कीम में जमा करें. आम तौर पर 10-12 महीने की स्कीम मिलती है. दुकानदार आपको आपके निवेश पर रिटर्न ऑफर करता है और आपको अंतिम किस्त के बाद जमा पैसों प्लस रिटर्न के बदले सोना खरीदने का ऑप्शन मिलता है.
मान लीजिए आप हर महीने 5-5 हजार रुपये लगाते हैं. ज्वेलर ने आपको 10 महीने की स्कीम दी है और 55 पर्सेंट रिटर्न देने का वादा किया है. अब इसका कैलकुलेशन देखिए.
आपने 10 महीने में टोटल पैसे लगाए 50 हजार रुपये. इस पर आपको ज्वेलर की ओर से रिटर्न मिलेगा 2,750 रुपये. अब इस रिटर्न को पूरी रकम पर साल का हिसाब लगाते हैं तो यह महज 1 फीसदी के आस-पास बैठता है.
दूसरी ओर सबसे कम रिटर्न देने वाले निवेश में से एक एफडी पर भी अभी सालाना 7-8 फीसदी का रिटर्न मिल जा रहा है. और गोल्ड ने तो इधर सालाना करीब 16 फीसदी का रिटर्न दिया है.
अब आप समझ गए होंगे कि यह स्कीम क्यों गोल्डेन हार्वेस्ट स्कीम कही जाती है और किस तरह से यह सुनारों के लिए वाकई में सोना उगाने वाली स्कीम है! अब अगर इस फेस्टिव सीजन में सोना खरीदने जाएं तो इस कैलकुलेशन को दिमाग में जरूर रखें.
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