SVB Crisis: पहली बार नहीं हुआ ऐसा सौदा, इन मौकों पर भी 100 रुपये से कम में बिकी हैं कंपनियां
Corporate Deals News: अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के डूबने से आर्थिक माहौल अनिश्चितता का शिकार हो गया है. इस संकट के कारण कई सेक्टर्स प्रभावित हो रहे हैं. इसे देखते हुए संकट के असर को सीमित करने के प्रयास तेज हो गए हैं और इसी के तहत सिलिकॉन वैली बैंक की ब्रिटिश यूनिट (SVB UK Unit) को बेचने का सौदा हुआ है.
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View In Appइस सौदे की अनोखी बात यह है कि इसकी वैल्यू महज एक पाउंड है, यानी पूरी कंपनी 100 रुपये से भी कम में बिकने जा रही है. सिलिकॉन वैली बैंक की ब्रिटिश यूनिट को एचएसबीसी होल्डिंग्स खरीदने जा रही है. एचएसबीसी के अनुसार, 10 मार्च तक के आंकड़ों के हिसाब से सिलिकॉन वैली बैंक यूके लिमिटेड के ऊपर करीब 5.5 बिलियन पाउंड का कर्ज था, जबकि बैंक के पास करीब 6.7 बिलियन पाउंड के डिपॉजिट थे. एचएसबीसी ने कहा कि वह जल्दी ही इस सौदे को पूरा करेगी. इस सौदे से एसवीबी यूके की पैरेंट कंपनी की संपत्तियों व देनदारियों को बाहर रखा गया है. यह पहला मौका नहीं है, जब पूरी की पूरी कंपनियां 100 रुपये से भी कम भाव में बिक गई हैं.
100 रुपये में होने वाले कॉरपोरेट सौदों में पहला नाम खेल जगत से है. इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब चेल्सिया को वित्तीय संकटों के चलते 1982 में बिकना पड़ा था. तब केन बेट्स ने इसे महज 01 पाउंड में खरीदा था. हालांकि बाद में बेट्स ने क्लब को 140 मिलियन पाउंड में बेचा था. तब इसे रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच ने 2003 में हुए एक सौदे में खरीदा था.
100 रुपये में होने वाले कॉरपोरेट सौदों में पहला नाम खेल जगत से है. इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब चेल्सिया को वित्तीय संकटों के चलते 1982 में बिकना पड़ा था. तब केन बेट्स ने इसे महज 01 पाउंड में खरीदा था. हालांकि बाद में बेट्स ने क्लब को 140 मिलियन पाउंड में बेचा था. तब इसे रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच ने 2003 में हुए एक सौदे में खरीदा था.
बेहद सस्ते कॉरपोरेट सौदे की लिस्ट में तीसरा नाम भी संयोग से ब्रिटेन से ही है. यह मामला 2014 का है, जब माइक ल्यूकवेल ने महज एक पाउंड में रीडर डाइजेस्ट को खरीदा था. बेटर कैपिटल कंपनी लाखों पाउंड लगाने के बाद भी बिजनेस को नहीं संभाल पाई थी और अंतत: उसने इसे बेच दिया था.
सस्ते कॉरपोरेट डील का अगला मामला बहुत पुराना नहीं है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद कई कंपनियों ने रूस में अपना बिजनेस बंद कर दिया. इन कंपनियों में फ्रांस की वाहन कंपनी रेनॉ का भी नाम शामिल है. रेनॉ ने रूसी कार कंपनी एव्तोवाज में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी महज एक रूबल में बेच दी थी.
साल 2022 में युद्ध के कारण एक और ऐसा ही सौदा देखने को मिला. इस सौदे में जापान की वाहन कंपनी निसान ने अपना रूसी कारोबार सरकारी कंपनी एनएएमआई को महज एक यूरो में बेचा. इस सौदे में निसान को करीब 687 मिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा.
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