एक्सप्लोरर
IRCTC: रिजर्वेशन कराने वालों के लिए बड़ी खबर, टिकट कराने से पहले जान लें जरूरी नियम वरना हो जाएगा नुकसान

इंडियन रेलवे
1/8

Indian Railways: कई बार हम कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं और अपना ट्रेन का रिजर्वेशन (Train Reservation) करा लेते हैं, लेकिन सफर से कुछ दिन पहले ही अचानक हमें अपना ट्रेन का टिकट कैंसिल (Train ticket cancel) कराना पड़ता है. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आज हम आपको बातते हैं कि आपके ट्रेन का टिकट कैंसिल कराने पर कितने रुपये वापस मिलेंगे.
2/8

इंडियन रेलवे के कई ऐसे नियम हैं, जिसके बारे में सभी लोग नहीं जानते हैं तो आइए आज हम आपको रेलवे के टिकट कैंसिलेशन के नियम के बारे में बताते हैं. अगर आप सफर से 48 घंटे पहले ट्रेन का टिकट कैंसिल कराते हैं तो आपको कितने रुपये वापस मिलेंगे-
3/8

अगर आपने AC क्लास या फिर एग्जिक्युटिव क्लास का टिकट करा रखा है और आप ट्रेन के स्टेशन छोड़ने से 48 घंटे पहले ही टिकट कैंसिल करा देते हैं तो ऐसे स्थिति में उस टिकट की राशि में 240 रुपये काट लिए जाएंगे और बकाया राशि आपके खाते में क्रेडिट कर दी जाएगी.
4/8

अगर आपने AC 2 टियर या फिर फर्स्ट क्लास का टिकट करा रखा है और आप उस टिकट को 48 घंटे पहले कैंसिल कराते हैं तो आपके टिकट में से 200 रुपये का राशि काट ली जाएगी और बकाया पैसा आपको मिल जाएगा.
5/8

AC 3 टियर, चेयर कार या फिर एसी3 इकोनॉमी क्लास में आपने टिकट करा रखा है और 48 घंटें पहले टिकट को रद्द कराते हैं तो आपकी टिकट की राशि में से 180 रुपये काट लिए जाएंगे और बाकी का पैसा आपके खाते में आ जाएगा.
6/8

इसके अलावा अगर आपने स्लीपर या फिर सेकेंड क्लास में टिकट करा रखा है तो आपके टिकट में से 120 रुपये आपको चार्ज के रूप में देने होंगे वहीं, सेकेंड क्लास के टिकट पर आपको 60 रुपये देने होंगे बाकी की राशि आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
7/8

इसके अलावा अगर आप कन्फर्म टिकट को ट्रेन रवाना होने से 48 से 12 घंटे पहले रद्द करवाता हैं, तो उसकी टिकट में से 25 फीसदी राशि को काट लिया जाएगा.
8/8

इसके अलावा अगर आप टिकट को 12 से 4 घंटे की समय सीमा के बीच में रद्द कराते हैं तो आपकी टिकट की आधी राशि काट ली जाएगी.
Published at : 29 Jan 2022 08:18 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
इंडिया
जम्मू और कश्मीर
बॉलीवुड
Advertisement


प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion