SIP Mutual Funds: एसआईपी क्या है? कैसे मिलता है मुनाफा, निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
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इक्विटी म्यूचुअल फंड में आप 2 तरीकों से पैसा लगा सकते हैं. पहला है, एकमुश्त राशि जमा करना और दूसरा एसआईपी के जरिए निवेश करना. SIP यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लानिंग (Systematic Investment Planning) है. आप कुछ पैसा म्यूचुअल फंड में डालते हैं और कम जोखिम में ज्यादा निवेश मिल सकता है.
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यह आप खुद तय कर सकते हैं कि आपको हर हफ्ते, हर महीने या कब-कब निवेश करना है. ये आपके पास फंड की उपलब्धता पर निर्भर है. अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आप 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. आज का यह लेख फर्स्ट टाइमर्स के लिए ही है. आपको SIP में निवेश की शुरुआत करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
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आपको फंड की जरूरत भविष्य में है या फिर लंबे समय के बाद होगी. तो आप यह तय कर पाएंगे कि आपको कितना निवेश करना है. हर किसी के वित्तीय लक्ष्य अलग-अलग हो सकते हैं. जैसे कोई कार खरीदने की इच्छा रखता है तो कोई स्पोर्ट्स बाइक. दोनों के लिए जरूरी फंड में अंतर है. इसलिए आपकी निवेश रणनीति में भी फर्क होना चाहिए.
म्यूचुअल फंड के जरिए आप केवल इक्विटी फंड में ही नहीं बल्कि डेट और हाइब्रिड फंड में भी निवेश कर सकते हैं. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप में जोखिम लेने की क्षमता कितनी है और आप कितने रिटर्न की अपेक्षा कर रहे हैं. लंबी अवधि के निवेश और जोखिम उठाने की क्षमता के साथ आप इक्विटी की ओर जा सकते हैं.
अपना निवेश इस प्रकार करें कि रिटर्न महंगाई दर से अधिक हो. कई बार फंड जुटाने के बावजूद काम के समय वह कम पड़ जाता है क्योंकि तब तक महंगाई उसे मात दे चुकी होती है और उत्पाद या सेवा का दाम आपके निवेश से ऊपर निकल जाता है.
एक जगह सारा पैसा लगा देने से उसके एक साथ पूरा डूबा जाने का खतरा रहता है. इसलिए अपने पोर्टफोलियो को डायर्सिफाइ करें. अलग-अलग एसेट क्लास में पैसा लगाएं. अलग-अलग निवेश विकल्प भी देखे जा सकते हैं. इससे किसी अनचाही परिस्थिति के समय आपका कुछ पैसा सुरक्षित रहेगा.
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