घूमने का मन बना लिया है तो कम खर्च में यहां जाएं, राजा-महाराजा जैसा फील कराएंगे ये लोकेशन
यहां आपको राजा-महाराजाओं की धरोहरों के देखने का अवसर मिलेगा. इन सदियों पुरानी हवेलियों, जिन्हें राजबाड़ी कहा जाता है को सुधारा गया है और जनता के भ्रमण के लिए खोल दिया गया है. ये लोकेशन राज्य के पर्यटन में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.
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View In Appबारी कोठी विरासत: बारी कोठी महल एक वास्तुशिल्प चमत्कार है जो 1700 के दशक के अंत में अजीमगंज के दुधोरिया राज परिवार का था. यह कोलकाता से लगभग 6 घंटे की दूरी पर स्थित है. यह महल काफी भव्य है, जिसकी वास्तुकला आपको आकर्षित करेगी. इसमें ग्रीक, रोमन और फ्रेंच शैलियों के तत्व शामिल हैं. साथ ही इसकी बनावट आपको ज्यादा अट्रेक्ट करेगी.
राजबाड़ी बवाली: यह राजबाड़ी की बनावट, वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है. यह कोलकाता से लगभग दो घंटे की दूरी पर बावली के छोटे से शहर में स्थित है. यह विशाल ऐतिहासिक संपत्ति मूल रूप से पूर्व बंगाल के जमींदार मंडल परिवार की थी. 40 साल से अधिक समय तक आबाद रहने के बाद कोलकाता के एक व्यवसायी अजय रावला ने इस महल पर कब्ज़ा कर लिया और इसे हेरिटेज होटल में बदल दिया.
झारग्राम महल: मल्ला देब का शाही परिवार झारग्राम पैलेस में रहता है, जो कोलकाता से करीब 4 घंटे की दूरी पर है. इस महल की ऐतिहासिक विरासत आपको अपनी ओर खिंचती है. महल जातीय और इटालवी वास्तुकला शैली की एक अद्भुत इमारत है, जो एक सुंदर लॉन और आकर्षक बगीचे से घिरा हुआ है. अब यह एक हेरिटेज रिसॉर्ट में बदल दिया गया है.
इताचुना राजबाड़ी: इसे बरगी डांगा के नाम से भी जाना जाता है, एक अच्छी तरह से संरक्षित राजबाड़ी है जिसे कुंडू परिवार ने एक हेरिटेज होटल बना दिया है. यह कोलकाता से लगभग 2.5 घंटे की दूरी पर है. यह महल 200 साल पुराना है. आप यहां के भोजन का भी आनंद ले सकते हैं.
अमादपुर राजबाड़ी: कोलकाता से अमादपुर गांव के इस हेरिटेज होटल तक की ड्राइव लगभग दो घंटे की है. इस ऐतिहासिक संरचना को ऊंची छतों, शानदार बरामदों और प्राचीन फर्नीचर से सजाया गया है. यहां टेराकोटा मंदिर, सुंदर बगीचे और झीलें हैं.
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