Rapid Rail: दिल्ली मेरठ के बीच का सफर सिर्फ 55 मिनट में पूरा करेगी रैपिड रेल, देखें इसकी खूबसूरत तस्वीरें
गाजियाबाद का दुहाई डिपो आरआरटीएस की प्रथम ट्रेन के आगमन के लिए तैयार है. इस डिपो में रेल लाइन बिछा दी गई हैं, वर्कशॉप के लिए शेड तैयार किए गए हैं और डिपो में ट्रेन की टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है. आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए डिपो में प्रशासनिक भवन बनाया गया है. दरअसल भारत की पहली आरआरटीएस के प्रथम ट्रेन सेट को गुजरात के सावली से रवाना कर दिया गया है. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
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View In Appभारत की पहली आरआरटीएस के प्रथम ट्रेन सेट को गुजरात के सावली से रवाना कर दिया गया है. इस सेमी-हाई-स्पीड एरोडायनामिक आरआरटीएस ट्रेनसेट को एल्सटॉम के फैक्ट्री से एक बड़े ट्रेलर पर रख कर भेजा गया है जो लगभग एक हफ्ते के यात्रा के बाद सड़क मार्ग से दुहाई डिपो, गाजियाबाद में पहुंचेगी. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
आरआरटीएस की इस पहली ट्रेन को 7 मई, 2022 को सावली में स्थित मेसर्स एलस्टोम के फैक्ट्री में आयोजित एक कार्यक्रम में एनसीआरटीसी को सौंपा गया था. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव और एनसीआरटीसी अध्यक्ष मनोज जोशी और एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह समेत अनेक एनसीआरटीसी अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
आरआरटीएस ट्रेनों के परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
आरआरटीएस ट्रेनों के परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
आरआरटीएस ट्रेनसेट अपने आकर्षक और आधुनिक डिजाइन के साथ रेजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से युक्त हल्के वजन के होंगे और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी) व स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) से सम्पन्न होंगे. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम आरआरटीएस ट्रेनों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो ब्रेक लगाने पर बिजली उत्पन्न करती है और ट्रेन सिस्टम के ओवरहेड ट्रैक्शन के माध्यम से बिजली इलेक्ट्रिक ग्रिड में चली जाती है. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई ट्रान्सवर्स बैठने की सीट, खड़े होने के लिए चौड़ी जगह, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप, मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम समेत अन्य सुविधाएं हैं. वहीं वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैण्डर्ड क्लास और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) के साथ-साथ एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेंगी. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
आरआरटीएस ट्रेनों के परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है. फोटो साभार- (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ट्विटर)
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