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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ratan Tata से लेकर अंबानी तक बड़ी साधारण रही इन उद्योगपतियों की पहली नौकरी, सिर्फ इतनी थी सैलरी
कठिन मेहनत और सच्ची लगन हो तो हर मुकाम हासिल हो सकता है. यह वाक्य दुनिया के कुछ दिग्गज उद्योगपतियों पर बिल्कुल फीट बैठता है. आज हम इन्हीं के बारे में बात करने वाले हैं, जिन्होंने अखबार बेचने से लेकर कुकिंग तक का काम किया है.
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View In Appइंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पहली नौकरी रिसर्च असोसिएट की थी. वे IIM अहमदाबाद की एक फैकल्टी के लिए काम करते थे और बाद में चीफ सिस्टम्स मैनेजर के पद पर काम करने लगे. 1981 में इन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कंपनी की शुरुआत की थी.
वॉरेन बफेट (Warren Buffett) मौजूदा समय में स्टॉक मार्केट के दिग्गज निवेशक हैं. इसके अलावा ये बर्कशायर हैथवे के सीईओ और चेयरमैन हैं. वॉरेन अमेरिका के अखबार दी वॉशिंगटन के पोस्ट के लिए अखबार बांटने का काम करते थे. वॉरेन को ये काम करने के बदले 175 डॉलर हर महीने मिलते थे, लेकिन आज ये दुनिया के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं.
अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं. इन्होंने अपने शुरुआती समय में कुक की नौकरी की थी. इनकी पहली नौकरी मैकडॉनाल्ड्स में फ्राई कुक की थी. इस नौकरी में उन्हें मुश्किल से 2 डॉलर प्रति घंटे की सैलरी मिलती थी. खूब घूमने और बहुत से लोगों से मिलने के बाद उन्होंने ई-मार्केटिंग कंपनी शुरू की.
देश के दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा को कौन नहीं जानता है. 1961 में टाटा स्टील जमशेदपुर में नौकरी की थी, जिसके बाद उन्होंने टाटा मोटर्स में नौकरी किया. कहा जाता है कि रतन टाटा को जब पहली नौकरी का ऑफर मिला तो उनके पास रिज्यूमे भी नहीं था. उन्होंने टाइपराडर से तुरंत रिज्यूम बनावाकर आईबीएम में दिया था. किसी कारण से उन्होंने वहां नौकरी नहीं की.
मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी की पहली नौकरी गैस स्टेशन पर अटेंडेंट की थी, तब वे यमन में काम करते थे. वहां उन्हें सिर्फ 300 रुपये हर महीने सैलरी मिलती थी. वहां पर वे मैनेजर बन गए, लेकिन बाद में वे वापस भारत लौटकर रिलायंस इंडस्ट्रीज की शुरुआत कर दी.
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