Retirement Planning: अगले 5 साल में होने वाले हैं रिटायर तो यहां हैं आपके लिए बेस्ट प्लानिंग टिप्स
विशेषज्ञ कहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद खर्च के लिए मासिक निकासी की योजना पहले से बनाना अच्छा होता है. अगर आप 2-4 साल में रिटायर हो रहे हैं तो उसके बाद के लिहाज से सबसे ज्यादा ध्यान महंगाई दर का रखना होगा. यहां पर हम आपको इसी से जुड़े निवेश विकल्पों और निवेश के मूल मंत्र के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appकई रिटायर्ड लोग अपने रिटायरमेंट कोष का इस्तेमाल बैंक जमा, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के अलावा म्यूचुअल फंड के डेट, इक्विटी और हाइब्रिड स्कीम का पोर्टफोलियो बनाने जैसे विकल्पों में करते हैं. आप इनमें से किसी भी ऑप्शन को चुन सकते हैं पर यहां बताया गया नियम अवश्य ध्यान रखें.
मौजूदा दौर में 6 फीसदी से अधिक की महंगाई को देखते हुए ही आपको 2030 में रिटायरमेंट के लिए कोष की कैलकुलेशन करनी होगी. आपको अगर आज हर महीने 80,000 रुपये की जरूरत है तो साल 2020 में जरूरत की ये रकम 1.27 लाख रुपये तक चली जाएगी. लिहाजा इसी हिसाब से अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करें.
ऐसे में आपको अपने पोर्टफोलियो का केवल कुछ हिस्सा ही इक्विटी में निवेश करना चाहिए, ताकि जोखिम सीमित हो. आप रिटायरमेंट के बाद के चरण के लिए एफडी, डेट फंड, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में रकम जमा कर सकते हैं. वहीं, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, डेट फंड और हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं. साथ ही इक्विटी फंड में भी बेहतर रिटर्न के लिए जमा किया जा सकता है. वहीं एक और विकल्प बैलेंस फंड में निवेश का भी है
निवेश की रणनीति ऐसी रखने से आपको हर विकल्प के रिटर्न का औसत मिलता रहेगा. यहां अगर किसी विकल्प में जोखिम ज्यादा है तो उसके एवज में दूसरे बैलेंस फंड से उसकी भरपाई होती रहेगी और आपके खर्चे के लिए रकम का घाटा नहीं होगा. किसी भी निवेश से पहले अपने विशेषज्ञ से सलाह लेना न भूलें.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -