Tan Card Status: क्या होता है टैन कार्ड, पैन से कैसे होता है अलग, कहा आता है काम
TAN का फुल फॉर्म Tax Deduction And Collection Account Number होता है. इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है. ये एक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है.
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View In Appयह उन सभी लोगों के लिए जरूरी है जो टैक्स की कटौती या उसे जमा करते हैं. टैन का इस्तेमाल करना काफी जरूरी है. सरल शब्दों में कहें तो पैन टैक्स भरने वालों के लिए बनता है. जबकि टैन टैक्स काटने वालों के लिए बनता है.
ऐसे लोग जो किसी काम के बदले पैसे देते हैं तो उन लोगों की जिम्मेदारी होती है कि वो टैक्स काटकर पैसा दें. आपकी कंपनी इसी कैटेगरी में आती है. टैक्स काटने वाली इन्ही लोगों या कंपनियों को टैन बनवाना होता है.
फॉर्म 49B के जरिए आप TAN के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए 62 रुपये पेमेंट करना होता है. यह पेमेंट क्रेडिट कार्ड, डिमांड ड्राफ्ट, चेक या नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं. अगर प ऑनलाइन बनवाना चाहते हैं तो इसके लिए NSDL की आधिकारिक वेबसाइट पर अप्लाई कर सकते हैं.
PAN (Permanent Account Number) - परमानेंट अकाउंट नंबर एक 10 अंकों का कोड होता है. इसे इनकम टैक्स जारी करता है. आमतौर पर नौकरीपेशा लोगों को इसकी खास जरूरत होती है. कार्डहोल्डर्स के जरिए किए जा रहे लेने देने पर नजर रखने के लिए सरकार इसे जारी करती है.
पैन का मतलब परमानेंट अकाउंट नंबर होता है जबकि टैन का मतलब है टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर है. जिनका भी टैक्स कटता है या जमा होता है, उनके पास टैन नंबर होना जरूरी है. TDS से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स और इनकम टैक्स विभाग से टैन नंबर का जिक्र करना जरूरी होता है.
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