Tax Savings: टैक्स बचाने के लिए अभी कर लें ये उपाय, बाद में नहीं मिलेगा मौका
Income Tax Savings: कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को वित्त वर्ष की शुरुआत में CTC यानी कॉस्ट टू कंपनी में बदलाव करने की सुविधा देती हैं. CTC असल सैलरी न होकर कई चीजों से मिलकर बनती है, जैसे बेसिक पे, HRA, स्पेशल अलाउंस, वैरिएबल पे, एम्प्लॉयर EPF कंट्रीब्यूशन. स्पेशल अलाउंस में आमतौर पर फ्यूल और ट्रैवल रिम्बर्समेंट, LTA, फोन बिल रिम्बर्समेंट जैसी चीजें आती हैं. ये चीजें कर्मचारियों को सुविधा के रूप में मिलती हैं, लेकिन टैक्स भी बचाती हैं. इन खर्चों को इनकम से घटाने के बाद टैक्स का कैलकुलेशन किया जाता है, जिससे टैक्सेबल इनकम और उस पर टैक्स कम बनता है.
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View In Appहाउस रेंट अलाउंस (HRA): अगर आप नौकरी के दौरान किराए पर रहते हैं तो टैक्स छूट ले सकते हैं. HRA क्लेम करने की कंडीशन यह है कि आपको नियोक्ता से HRA मिलता हो और आप जिस घर में रह रहे हैं उसका किराया भर रहे हों.
लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA): आपके व परिवार के घूमने-फिरने के लिए कंपनी लीव ट्रैवल अलाउंस देती है. यात्रा के लिए प्लेन, ट्रेन या बस की टिकट के लिए जो रकम खर्च की गई है, उस पर छूट मिलती है. यात्रा में हुए दूसरे खर्च इसके दायरे में नहीं आते हैं. चार साल के ब्लॉक में दो बार LTA क्लेम कर सकते हैं. विदेश यात्रा पर LTA का लाभ नहीं मिलेगा.
इंटरनेट और फोन बिल: कोविड के दौरान वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है, जिससे फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल और खर्च बढ़ गया है. आयकर कानून इंटरनेट और फोन बिल जमा करने पर उतनी रकम को इनकम टैक्स से मुक्त रखने की अनुमति देता है, जितने रुपये के बिल भरे गए हैं या सैलरी में जो रकम इस मद में दी गई है.
फूड कूपन: आप चाय, पानी और खाने पर जरूर जाते होंगे. कंपनी आपको काम के दौरान या प्री-पेड फूड वाउचर/कूपन के जरिए फूड अलाउंस दे सकती है. इसके तहत, एक वक्त के खाने के लिए 50 रुपये टैक्स-फ्री होते हैं. इस तरह से ऐसे कूपन का इस्तेमाल कर हर महीने 2,200 रुपये यानी सालाना 26,400 रुपये की सैलरी को टैक्स-फ्री बनाया जा सकता है.
फ्यूल व ट्रैवल रिम्बर्समेंट: अगर आप ऑफिस के काम के लिए टैक्सी या कैब से आते-जाते हैं तो इसे रिम्बर्स कराना टैक्स-फ्री होता है. वहीं, अगर आप अपनी कार या कंपनी से मिली कार का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ईंधन व रख-रखाव के खर्च के लिए मिले भुगतान को टैक्स-फ्री करा सकते हैं.
चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस: बच्चे के एजुकेशन अलाउंस के रूप में प्रति माह 100 रुपये यानी सालाना 1,200 रुपये की छूट ली जा सकती है. वहीं, हॉस्टल खर्च के लिए प्रति माह 300 रुपये यानी सालाना 3,600 रुपये पर छूट मिल सकती है. छूट अधिकतम दो बच्चों के लिए ली जा सकती है. इस तरह, दो बच्चे के लिए कुल 9,600 रुपये की छूट मिल सकती है. ट्यूशन फीस के पेमेंट की छूट सेक्शन 80C में क्लेम की जा सकती है.
अखबार व पत्र-पत्रिकाएं: बड़े-बूढ़े हमें बचपन से अखबार पढ़ने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि अखबार टैक्स भी बचा सकते हैं. किताबें, अखबार और पत्र-पत्रिकाओं को खरीदने के लिए किए गए भुगतान भी टैक्स-फ्री होते हैं, बशर्ते उनका ऑरिजिनल बिल साथ में लगाया गया हो. बिल की रकम या सैलरी में इस मद में निर्धारित राशि में जो कम है, वह टैक्स के दायरे से बाहर होगी.
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