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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Budget 2022: शहरी इलाकों में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए बजट में किया जा सकता है अर्बन मनरेगा योजना का ऐलान!
शहरी इलाकों में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार शहरी इलाकों के लिए मनरेगा ( Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme) लाने का ऐलान बजट में कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फऱवरी 2022 को बजट पेश करेंगी तो माना जा रहा है शहरी इलाकों के लिए मनरेगा योजना का ऐलान बजट में किया जा सकता है.
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View In Appशहरी इलाकों के लिए मनरेगा जैसी योजना के ऐलान की संभावना इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का रजिस्ट्रेशन इसी मकसद से किया जा रहा है. सरकार इस डाटा में शहरी इलाकों में रजिस्ट्रेशन कराने वालों को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को शहरी मनरेगा योजना के तहत रोजगार उपलब्ध करा सकती है.
शहरी इलाकों में मनरेगा जैसी योजना लाने का मकसद ये होगा कि जिन लोगों ने कोरोना महामारी के चलते रोजगार अपनी गंवा दी है उन्हें फिर से रोजगार दिलाई जा सके. Centre for Monitoring Indian Economy (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर 8.21 फीसदी पर जा पहुंची है.
शहरों में बेरोजगारी की समस्या और कोरोना महामारी के दौरान रोजगार गंवाने वालों को रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से सरकार शहरी इलाकों के लिए मनरेगा जैसी योजना का ऐलान बजट में कर सकती है.
आपको बता दें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संगठन यानि बीएमएस ने वित्त मंत्री के साथ हुए बजट पूर्व बैठक में शहरी इलाकों के लिए मनरेगा जैसी योजना लाने की मांग की थी. बीएमएस ने वित्त मंत्री से कहा था कि शहरी इलाकों में रोजगार दिलाने के लिए मनरेगा जैसी योजना समय की मांग है.
शहरी इलाकों के लिए मनरेगा जैसी योजना की घोषणा इसलिए भी की जा सकती है क्योंकि कोरोना महामारी किसी न किसी रूप में बार बार देश में दस्तक दे रहा है. कोरोना महामारी के तीसरे लहर ओमिक्रोन के चलते कई तरह की बंदिशें राज्यों ने लगाई हुई है कई जगह वीकेंड कर्फ्यू है जिसी मार शहरी इलाकों में काम करने वालों को भुगतना पड़ता है. इसी के मद्देनजर शहरी इलाकों के लिए मनरेगा जैसी योजना लाने की घोषणा की जा सकती है.
इससे पहले श्रम मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने भी ग्रामीण इलाकों के लिए मनरेगा जैसी रोजगार गारंटी योजना के तर्ज पर शहरी इलाकों के लिए अर्बन नेशनल जॉब गारंटी स्कीम लाने की सिफारिश सरकार से की है जिससे कोरोना के चलते नौकरी गंवाने वालों को राहत दी जा सके. संसदीय समिति ने कहा कि रोजगार गंवाने, बेरोजगारी की समस्या, कर्ज का जाल, भूखमरी, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों की शिक्षा और स्वास्थ्य की दिक्कतें देखी जा रही है. इसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
आपको बता दें यूपीए सरकार 2008 में ग्रामीण इलाकों में गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से मनरेगा योजना लेकर आई थी. जिसमें एक वर्ष में 100 दिनों के लिए गारंटी के तौर पर रोजगार दिया जाता है. माना जाता है कि इससे ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की समस्या से निपटने में मदद तो मिली ही इसका फायदा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी हुआ है.
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