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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारत को घेरने के लिए हर एक पैंतरा आजमा रहा है चीन, जानें क्या है ड्रैगन का एक्शन प्लान
चीन की आक्रामक नीति में तेजी आई है. हिंदुस्तान को घेरने के लिए चीन ने स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स के तहत जो व्यू रचना की थी अब उसे एक कदम आगे बढ़ाते हुए चीन ने भारत के उन पड़ोसियों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं जिनकी सीमा भारत से लगती है. भारत पाकिस्तान की मदद करके उसे भारत के खिलाफ भड़काता रहता है. पाकिस्तान के ग्वादर में चीन की मौजूदगी पहले से है जो हिंदुस्तान से सबसे करीब है. पाकिस्तान के अलावा नेपाल और बांग्लादेश को भी आर्थिक मदद का लालच दे कर अपनी ओर करना चाहता है.
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View In Appचीन ने श्रीलंका के साथ भी अपने रिश्ते बेहतर बना लिए हैं. दिसंबर 2017 में श्रीलंका ने अपना हंबनटोटा पोर्ट 99 सालों के लिए चीन को दे दिया था. मतलब ड्रैगन की मौजूदगी हिंद महासागर में सीधे-सीधे बढ़ेगी. वहीं म्यांमार के क्याकप्यू में भी चीन बंदरगाह बना रहा है और उसके थिलावा बंदरगाह पर भी चीनी नौसेना का आना जाना है. चीन पहले ही अंडमान निकोबार द्वीप समूह से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोको द्वीप पर अपनी ताकत बढ़ाकर आधुनिक नौ सैनिक सुविधाएं स्थापित कर चुका है.
चीन सीमा पर लगातार भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है. ताजा मामला सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राई जंक्शन के डोकलाम का है जहां पर चीन भारतीय चौकी के नजदीक 1.3 कीलोमीटर लंबी नई सड़क बना ली है. इस रोड के जरिए चीन भारतीय सेना की मौजूदगी को दरकिनार करते हुए दक्षिणी डोकलाम कर अपनी पहुंच बनाना चाहता है.
.हाल ही में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में लिखित बयान देकर जानकारी दी थी कि डोकलम में दोनों देशों की सेनाएं जरूर पीछे हट गई हैं लेकिन चीन वहां से थोड़ी दूरी पर ही (यानि उत्तरी डोकलम में) बड़ी तादीद में सैनिकों के बैरिक और हेलीपैड तैयार कर रहा है. रक्षा राज्य मंत्री सुभाषराव भामरे ने भी हाल ही में आगाह किया था कि चीन सीमा पर तनाव बरकरार है और भविष्य में ये तनाव बढ़ भी सकता है.
चीन ने 2018 के लिए अपने रक्षा बजट में किया 8.1 फीसद का इजाफा किया है. ये राशि भारत के मुकाबले है तीन गुना ज्यादा है. चीन का 2018 का रक्षा बजट 1110 करोड़ युआन (175 अरब डॉलर) है.
सूत्रों ने बताया कि चीन की आर्मी डोका ला में भारतीय चौकी के आस पास अपने मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ा रहा है. अब तक चीन ने यहां 1.3 किलोमीटर लंबी सड़क बना ली है. चीन ने भारतीय पोस्ट से चार कीलोमीटर दूरी पर कम्युनिकेशन ट्रेंचेज भी बना लिया है.
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