Basant Panchami 2023: कोलकाता में सिर्फ दुर्गा पूजा ही नहीं सरस्वती पूजा का पर्व भी होता है खास, यहां इस तरह से होती है ज्ञान की देवी की उपासना
26 जनवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इसलिए इस दिन को सरस्वती पूजा भी कहा जाता है. भारत के पूर्व राज्यों में भी यह त्योहार काफी लोकप्रिय है. इस त्योहार को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल और विशेष रूप से इसकी राजधानी कोलकाता में बड़े पैमाने पर भव्य सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है. मां देवी की पूजा के लिए शहर और आस-पास के इलाकों में काफी उत्साह है. देवी की पूजा के लिए विद्यार्थी वर्ग में खासा उत्साह है.
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View In Appकोलकाता में केवल दुर्गा पूजा ही नहीं सरस्वती पूजा भी बहुत लोकप्रिय है. दुर्गा पूजा के साथ-साथ सरस्वती पूजा भी पूरे देश के लोगों को आकर्षित करती है. बता दें कि न केवल देश, बल्कि पूरे विश्व में कोलकाता के दुर्गा पंडाल और सरस्वती पूजा समारोह काफी प्रसिद्ध है.
कोलकाता की सरस्वती पूजा देखना का एक अलग ही अनुभव है. देवी सरस्वती के भव्य पंडाल मन को उत्साहित कर देते हैं और एक नई उमंग का संचार करते हैं. बता दें कि यहां का प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट होते है. चलिए जानते हैं कोलकाता के लोग सरस्वती पूजा में क्या-क्या करते हैं.
26 जनवरी को बसंत पंचमी है. बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था.
कोलकाता के लोग बहुत ही साफ दिल से इस त्योहार को मनाते हैं. कोलकाता में पूजा के लिए सुबह उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहनते हैं. फिर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं. उसके बाद रोली, चंदन, हल्दी, केसर, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षय अर्पित करते हैं. देवी सरस्वती पूजा के लिए पूजा के स्थान पर किताबों को रखते हैं. मां सरस्वती की वंदना का पाठ करते हैं. ज्यादातर विद्यार्थी इस दिन मां सरस्वती के लिए व्रत भी रखते हैं.
बता दें कि कोलकाता में सरस्वती पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. कोलकाता में देवी सरस्वती की पूजा के लिए बड़े-बड़े पंडाल बनाया जाता है. इस पंडाल को खूबसूरत बनाने के लिए रंग-बिरंगे कलर और लाइट का प्रयोग किया जाता है.
आपको बता दें कि जैसे कोलकाता में दुर्गा पूजा के लिए पंडाल बनाया जाता है उसी स्तर का पंडाल देवी सरस्वती की पूजा के लिए भी बनाया जाता है. कोलकाता के लोग इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते है. उनके बनाए हुए पंडाल को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं.
सरस्वती पूजा के अवसर पर कोलकाता के चौक-चौराहों पर पंडाल बनाई जाती है. देवी सरस्वती की पूजा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता में सरस्वती पूजा का सही मुहूर्त 26 जनवरी को सुबह 7.7 बजे से 12.34 बजे तक का समय शुभ रहेगा. बता दें कि देवी सरस्वती की पूजा के लिए शुभ समय 5 घंटे के लिए होगी. जैसे कोलकाता में दुर्गा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है वैसे ही देवी सरस्वती की पूजा को भी मनाया जाता है. सरस्वती पूजा में भी लोग बहुत ही उत्सुकता के साथ इस पूजा में भाग लेते हैं.
कोलकाता में जगह-जगह सार्वजनिक पंडाल लगाकर मां सरस्वती की आराधना की तैयारी की जा रही है. कोलकाता में देवी की पूजा के लिए छात्र भी बहुत उत्सुक रहते हैं. बता दें कि कोलकाता के स्कूलों के साथ दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में भी सरस्वती पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. कोलकाता में पूरे हर्षो उल्लास के साथ सरस्वती पूजा उत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है.
कोलकाता के बाजारों में चहल पहल शुरू हो गई है. बता दें कि मां की पूजा के लिए छोटे बच्चे घर-घर घूमकर चंदा इकठ्ठा करने में लगे हैं. ताकि देवी की पूजा भव्य तरीके से किया जा सके. कोलकाता में केवल दुर्गा पूजा ही नहीं सरस्वती पूजा के लिए काफी उत्साह रहता है और सरस्वती पूजा के लिए खूबसूरत पंडाल बनाए जाते है. कोलकाता के कई इलाकों में पंडाल बनाए गए हैं. कोलकाता में मूर्ति की बुकिंग दिसंबर से ही शुरू हो जाती है. इस पूजा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. कोलकाता के लोग देवी की पूजा करने की तैयारी में जुट गए हैं.
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