1993 Mumbai Bomb Blast Case: एक झटके में बदल गई थी संजय दत्त की जिंदगी, सच सामने आने पर कहा था- 'मेरी रगों में मुसलमान...'
12 मार्च 1993 का वो दिन था जब बम धमाकों से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई दहल उठी थी. इस धमाके में 257 लोगों की जान चली गई, जबकि 713 लोग घायल हुए बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28-मंज़िला इमारत की बेसमेंट में दोपहर 1.30 बजे धमाका हुआ जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे. इसके आधे घंटे बाद ही एक कार में धमाका हुआ. अगले दो घंटे में मुंबई में कुल 13 धमाके हुए थे.
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View In Appबीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन बम धमाकों से करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. मुंबई बम ब्लास्ट केस में जब संजय दत्त का नाम सामने आया तो लोगों का इस बात पर विश्वास करना मुश्किल भरा रहा. मुंबई ब्लास्ट के बाद पुलिस साजिश रचने वालों की जांच पड़ताल की गई. जांच में पुलिस को पता चला कि इसमें बॉलीवुड से भी कुछ लोग शामिल हैं. शक के आधार पर पुलिस ने प्रोड्यूसर हनीफ कड़ावाला और समीर हिंगोरा पूछताछ के लिए बुलाया. उस समय संजय दत्त इस जोड़ी की प्रोड्यूस की हुई फिल्म 'सनम' में काम कर रहे थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हनीफ ने शुरुआत में कोई भी जवाब नहीं दिया. लेकिन बाद में उसने पुलिस से कहा कि पुलिस हमेशा जाल में छोटी मछली पकड़ती है. जबकि बड़े लोग ऐसे ही घूमते रहते हैं.
जांच में संजय दत्त का नाम सामने आने के बाद पुलिस उनको गिरफ्तार करने पहुंची. संजय उस वक्त मॉरीशस में फिल्म 'आतिश' की शूटिंग कर रहे थे. शूटिंग खत्म करने के बाद जब वो मुंबई लौटे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद संजय दत्त को एयरपोर्ट से सीधे मुंबई क्राइम ब्रांच ले जाया गया.
पूछताछ में संजय दत्त ने कबूल कर लिया कि उनके पास एके-56 है. संजय दत्त पर टाडा एक्ट लगाया गया और उन्हें जेल भेजा गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय दत्त ने सुनील दत्त को बताया कि दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम ने उन्हें कुछ हथियार दिए थे. सुनील दत्त ने जब पूछा तो संजय दत्त ने कहा, 'मेरी रगों में मुस्लिम का खून दौड़ रहा है. मुंबई में जो कुछ भी हो रहा है मैं ये सब बर्दाश्त नहीं कर सकता.' बता दें कि संजय दत्त की मां और सुनील दत्त की पत्नी नरगिस मुस्लिम थीं.
नवंबर 2006 में संजय दत्त को पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया था. लेकिन उन्हे कई अन्य संगीन मामलों में बरी किया गया था. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन धमाकों के मकसद के बारे में कहा गया था कि यह उन मुसलमानों की मौत का बदला लेने के लिए किए गए थे जो पिछले कुछ महीनों में हुए दंगों में मारे गए थे.
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