Mumbai Terror Attack 2011: साल 2011 की वो काली रात जब आतंकियों की गोलियों से दहल उठा था मुंबई, तस्वीरों में देखें खौफनाक मंजर

26 नवंबर 2008, इस तारीख को लोग आज भी भूल नहीं पाते हैं. इस दिन को याद करके देशवासी आज भी सिहर जाते हैं. इस दिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे. वहीं, 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. आज हम आपको इस दिल दहला देने वाली घटना की तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं.
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इस दिन आतंकियों ने देश के सबसे सुरक्षित जगहों में से एक ताज महल होटल को निशाना बनाकर हमारी सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह तबाह कर दिया था.

इस काले दिन सपनों की नगरी मुंबई में पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों ने घुसपैठ किया. जैसे-जैसे रात की चादर छाने लगी, वैसे-वैसे ही मुंबई की सड़कों पर मौत नाचने लगी.
वो शाम भी हर दिन की तरह ही आम थी. हर कोई अपने काम में मस्त था. बाजारों में चहल-पहल थी, लोग खरीददारी कर रहे थे. मरीन ड्राइव पर लोग समंदर से आने वाली ठंडी-ठंडी हवाओं का आनंद ले रहे थे. किसी को अंदाजा नहीं था कि इसी समंदर के रास्ते मौत उनकी तरफ बढ़ रही है.
पाकिस्तान के कराची से सभी 10 आतंकी एक नाव के जरिए मुंबई के लिए निकले थे. समंदर के रास्ते ही उन्होंने मुंबई में एंट्री ली. इसके बाद जो हुआ वो मंजर लोग आज तक नहीं भूल पाए.
सभी आतंकी 4-4 के समूहों में टैक्सी पकड़ी और अलग अलग जगहों पर चले गए. रात साढ़े 9 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर आतंकियों का एक दस्ता पहुंचा. सभी के हाथों में एके-47 राइफलें थीं. उन्होंने वहां ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.
इन हमलावरों में अजमल कसाब भी शामिल था. जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ लिया था, जिसे फांसी दी जा चुकी है. सीएसटी रेलवे स्टेशन पर फायरिंग की घटना पर पुलिस जैसे ही निकली. विले पारले इलाके में भी गोलाबारी की खबर मिली.
आतंकियों ने उस रात मुंबई की कई नामचीन जगहों को टारगेट किया. मुंबई में स्थित विश्वस्तरीय होटलों में से एक ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस को निशाना बनाया.
आतंकियों ने मुंबई की शाह कहे जाने वाले ताज होटल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था. सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच तीन दिनों तक मुठभेड़ चलती रही थी. इसके बाद नएसजी कमांडोज को बुलाया गया. एनएसजी कमांडोज ने सभी आतंकियों को मार गिराया. उनकी बहादुरी के चलते भारत पर आया ये संकट टला.
इस दर्दनाक घटना में कई लोगों ने अपनों को खोया था. लोग अपनों के जानें का दुख सहन नहीं कर पा रहे थे.
इस घटना ने कई लोगों को आहत कर दिया था. जानकार बताते हैं कि लोग कई रात सो नहीं पाए थे.
इस घटना में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. घायलों के इलाज में सरकार ने पूरी मदद की.
इस आतंकी हमले के बाद मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई. हर संदिग्ध व्यक्ति पर पुलिस की पैनी नजर रहने लगी.
हर शख्स के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था. ये गुस्सा आतंकवादियों को उनके किए की सजा दिलाना था.
गिरफ्तारी के तुरंत बाद आतंकी अजमल कसाब को अस्पताल ले जाया गया था. जहां उससे पूछताछ की जा रही थी. एसीपी तानाजी घाडगे की ओर से पूछे जा रहे थे तमाम सवालों के जवाब रोते और कराहते हुए तोते की तरह जवाब दे रहा था. कहां से आया, किसने ट्रेनिंग दी, किसे मारने आया था, कैसे आया..ऐसे तमाम सवालों के उसने जवाब दिए.
बता दें कि 21 जनवरी 2012 को इस हमले के मुख्य आरोपी अजमल कसाब को फांसी दे दी गई थी.
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