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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राफेल सौदे में मोदी सरकार ने राष्ट्रीय हित और सुरक्षा के साथ अक्ष्मय समझौता किया: कांग्रेस
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार भारत की जनता को जवाब दे कि उनकी सरकार ने यूपीए सरकार के दौरान आपसी बातचीत के जरिये तय किये गये मूल कीमत की तुलना में बहुत ऊंची कीमत पर 36 राफेल विमान क्यों खरीदे?’’
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View In Appउन्होंने कहा कि बाद में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने फ्रांस की दसाल्ट एविशन के साथ तीन अक्तूबर 2016 को एक ज्वाइंट वेंचर बनाया ताकि भारत में रक्षा से जुड़ी चीज़ों उत्पादन किया जा सके. इसके लिए अंबानी ने अपनी रिलायंस डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड का डसाल्ट के साथ समझौता किया.
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद जुलाई 2015 में उस समझौते को रद्द कर दिया जो 126 विमानों की खरीद के लिए किया गया था. सरकार ने कंपनी के साथ 36 राफेल विमानों के लिए डसाल्ट एविएशन के साथ 8.7 अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा किया. यह बात सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है.
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी से पांच सवाल किये- विमान को ऊंचे दाम पर क्यों खरीदा जा रहा है और एक निजी कंपनी के व्यापारिक हितों को एक पब्लिक यूनिट की अनदेखी कर क्यों बढ़ाया जा रहा है. सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को पूरी तरह अपारदर्शी रखा है, रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनिवार्य प्रावधानों का सीधा उल्लंघन हुआ, सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्लस लि. को टेक्नॉलजी ट्रांसफर में राष्ट्रीय हितों का बलिदान और प्रधानमंत्री के ‘सांठगांठ वाले पूंजीपति मित्रों’ के वित्तीय हितों को सीधा प्रोत्साहन दिया गया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी आशंकाएं और सरकारी खजाने को अभूतपूर्व नुकसान पहुंचाने के दावे सार्वजनिक जानकारी में है और सरकार षड्यंत्रपूर्ण चुप्पी साधे हुए है.’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने ‘राष्ट्रीय हित’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के साथ समझौता करने का अक्षम्य खेल खेला है. लड़ाकू विमानों की खरीद में एक ‘बड़ा घोटाला’ पक रहा है.’’
उन्होंने इस सौदे में रक्षा खरीद प्रक्रिया और हिन्दुस्तान एयरनोटिक्स लिमिटेड के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उनके अनुसार राफेल विमान के फ्रांसीसी निर्माता डसाल्ट एविएशन ने एचएएल को टेक्नॉलजी ट्रांसफर से इंकार कर दिया और इसके बदले रिलायंस डिफेंस के साथ दूसरा समझौता किया.
उन्होंने सवाल किया कि वह यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) के दौरान बातचीत के जरिये तय कीमत से कहीं अधिक कीमत पर विमान खरीदकर एक व्यापार समूह के हितों को आगे क्यों बढ़ा रहे हैं.
कांग्रेस ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में घोटाले और केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा के साथ समझौता करने का आरोप लगाया और दावा किया कि इसके कारण सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सौदे में ‘सांठगांठ वाले पूंजीवाद’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
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