लोगों के इमोशंस से खेल रहा है फेसबुक, एक बार फिर दिया धोखा
डेटा की सुरक्षा को लेकर सरकार काफी सख्त हो गई है. कानून व आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा भी था कि सोशल मीडिया पर रोक लगाने के पक्ष में भारत नहीं है, लेकिन अपने लोगों का डेटा वह लीक नहीं होने देगी. सरकार ने डेटा की सुरक्षा के लिए दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इसकी अगुआई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा कर रहे हैं. वह एक ऐसी नीति बनाने पर काम कर रहे हैं, जिससे डेटा किसी सूरत में लीक न हो सके. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
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View In Appमंत्रालय का कहना है कि सरकार इन चीजों से बेहद परेशान है. कैंब्रिज एनालिटिका मामले के बाद से फेसबुक पर शिकंजा कसा जा रहा है. कंपनी इससे पहले माफी भी मांग चुकी है. कैंब्रिज एनालिटिका को जो डेटा लीक हुआ उसमें फेसबुक का कहना है कि भारत में 335 लोग इससे सीधे प्रभावित हुए जबकि 5,62120 ऐसे लोग थे जो यूजर्स के दोस्त थे. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
फेसबुक के चीफ प्राइवेसी ऑफिसर एरिन एगेन ने बताया, हमने ये बग फिक्स कर लिया है. बीते गुरुवार से हम उन सभी यूजर्स को इसकी जानकारी दे रहे हैं जिनके फेसबुक पोस्ट इस बग से प्रभावित हुए हैं. हम उन्हें इस वक्त के दौरान किए गए सभी पोस्ट के रिव्यू करने का भी विकल्प दे रहे हैं. हम इस गलती के लिए यूजर्स से माफी मांगते हैं. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस हफ्ते की शुरुआत में ही एक रिपोर्ट जारी की जिसके मुताबिक फेसबुक ने सैमसंग, हुआवे, एपल जैसी 60 फोन मेकर कंपनियों के साथ यूजर का प्राइवेट डेटा शेयर किया. इतना ही नहीं यूजर्स के दोस्तों का भी डेटा इन फोन मेकर कंपनियों के साथ शेयर किया गया. NYT की रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक ने कहा था कि किसी भी इंटिग्रेटेड एपीआई के एक्सेस को खत्म किया जाएगा लेकिन अभी भी फेसबुक कई लोगों के साथ ऐसी साझेदारी रखता है जिसके तहत डेटा एक्सेस किया जा सके. फेसबुक ने अपने हालिया बयान में माना है कि उसने चीन की फोन मेकर कंपनियों के साथ डेटा शेयर किया गया. फेसबुक ने साल 2010 में कंपनियों के साथ डेटा को लेकर ये समझौता किया था. इनमें से कई समझौते अब तक चल रहे है. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
फेसबुक में यूजर्स को 'ऑडियंस सलेक्टर' टूल दिया जाता है. जिसकी मदद से वे ये तय करते हैं कि उनका पोस्ट दोस्तों के साथ, एक ग्रुप में या कुछ तय लोगों के साथ शेयर हो. लेकिन एक बग के कारण 18 मई से लेकर 27 मई तक कुछ फेसबुक यूजर्स ने जो भी पोस्ट डाले वो खुद-ब-खुद बिना यूजर की इजाजत के पब्लिक हो गए. ऑडियंस सेटिंग बिना यूजर की जानकारी के बदल गए. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
डेटा साझा करने पर भारत सरकार ने फेसबुक से जवाब तलब मांगा और 20 जून तक अपना पक्ष रखने को कहा है. कंपनी से उन रिपोर्ट्स पर सवाल किया गया है कि मोबाइल डिवाइस निर्माताओं से उसने यूजर्स का डेटा साझा क्यों किया? इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने बताया कि हाल की कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि फेसबुक एक करार के तहत मोबाइल डिवाइस निर्माताओं से जुड़ा है. इसके तहत वो फेसबुक के यूजर्स की निजी जानकारी और उनके दोस्तों के ब्योरे को हासिल कर सकते हैं. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
कंपनी ने बताया है कि यह सबकुछ जानबूझकर नहीं किया बल्कि ये एक बग (टेक्नीकल गड़बड़ी) के कारण हुआ है. जिन लोगों ने पोस्ट की प्राइवेसी कुछ खास लोगों तक रखनी चाही वो इस बग के कारण सार्वजनिक हो गईं. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
डेटा लीक होने की खबरों से विवादों में चल रहे फेसबुक के सामने एक और संकट खड़ा हो गया है. इस बार फेसबुक के 1 करोड़ 40 लाख यूजर्स का डेटा पब्लिकली शेयर हो गया है. इस बार भी फेसबुक ने बिना यूजर्स की जानकारी के डेटा पब्लिकली कर दिया. बता दें कि इस बात की जानकारी खुद फेसबुक ने गुरुवार को दी थी. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
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