देश का मूड: 2019 में NDA के फिर सत्ता में लौटने की उम्मीद
साल 2018 खत्म होने को आया है और इसी के बाद देश में लोकसभा चुनाव होने है. ऐसे में सियासत का सेंसेक्स हिलोरें मार रहा है. राजनीतिक हलकों में जोड़-तोड़ का सियासी गणित शुरू हो चुका है और सत्ता पक्ष जहां अपनी पीठ थपथपा रही है वहीं, विपक्ष लगातार आइना दिखाने की कोशिश कर रहा है. एक बार फिर वायदों के साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. ऐसे राजनीतिक माहौल में एबीपी न्यूज ने सी वोटर के साथ मिलकर देश के सियासी नब्ज को टटोलने का काम किया है.
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View In Appसी-वोटर के सर्वे के मुताबिक, मोदी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले बेहतर पीएम हैं. वहीं, मोदी को 56 फीसदी और राहुल को 36 फीसदी लोग पीएम के रुप में देखते हैं.
अगर देशभर की क्षेत्रीय पार्टियों से कांग्रेस का गठबंधन होता है तो कुल 543 सीटों में बीजेपी को बहुमत से 11 कम यानी 261 सीटे, कांग्रेस को 119 और अन्य को 163 सीटे मिल सकती हैं.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मौजूदा गठबंधन जैसी स्थिति रहती है तो एनडीए को 300, यूपीए को 116 और अन्य को 127 सीटे मिल सकती हैं.
साल 2019 के चुनाव में मत-प्रतिशत एनडीए को 38 फीसदी, यूपीए को 26 फीसदी और अन्य को 36 फीसदी सीटे मिलती दिख रही हैं.
दक्षिण भारत में एनडीए को 20 लोकसभा सीट, यूपीए को 34 और अन्य को 75 सीटों का फायदा होता दिख रहा है.
ओडिशा में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 12, कांग्रेस को तीन और बीजेडी को छह सीटे मिल रही हैं.
सर्वे के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के बुरी खबर है. पश्चिम बंगाल से लेफ्ट साफ होता दिख रहा है. ममता बनर्जी को 32, बीजेपी को 9 और कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बीजेपी को फायदा हो रहा है.
इसके साथ राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर है. लेकिन, इस बार बीजेपी के खाते में 23 की जगह 17 सीटे आ रही हैं और कांग्रेस को 2 से बढ़कर आठ सीटों का फायदा मिलता दिख रहा है.
एबीपी न्यूज़-सी वोटर सर्वे की मानें तो मध्य प्रदेश में बीजेपी को 22 और कांग्रेस को 7 सीटें मिल सकती हैं. राजस्थान में बीजेपी 17 तो कांग्रेस को 8 सीटें मिलेंगी.
अगर अपकमिंग चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में सभी दल अलग-अलग चुनाव लड़ें तो बीजेपी 23, शिवसेना 5, कांग्रेस 14 और एनसीपी को 6 सीटें मिल सकती हैं.
एबीपी न्यूज़-सी वोटर सर्वे के मुताबिक, महाराष्ट्र में यूपीए इस बार बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. शिवसेना एनडीए के साथ और एनसीपी यूपीए के साथ चुनाव लड़े तो एनडीए के हिस्से 28 तो यूपीए के हिस्से 20 सीटें मिलने की संभावना बनती दिख रही है.
इसके उलट बिहार में एनडीए को 34 और यूपीए को छह सीटे मिलती दिख रही हैं. बता दें कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटे हैं. जहां यूपी में एनडीए को महागठबंधन से नुकसान होता दिख रहा है तो वहीं बिहार में नीतिश के साथ आने से एनडीए को बंपर सीट मिल सकती है.
चुनाव से पहले उत्तरप्रदेश में महागठबंधन नहीं हुआ तो यूपीए को 2, एसपी को 4, बीएसपी को 4 और एनडीए को 70 सीटे मिल सकती हैं. इसी के साथ फिर से बीजेपी की वापसी तय हो जाएगी क्योंकि कहा जाता है कि अगर जिस पार्टी को लोकसभा की आधी से ज्यादा सीट मिल गई तो उस पार्टी की सरकार केंद्र में बनना तय है.
इस महागठबंधन में एसपी और बीएसपी शामिल हैं तो वहीं यूपीए और एनडीए में कांग्रेस और बीजेपी के साथ कुछ क्षेत्रीय दल शामिल हैं.
वहीं, अगर लोकसभा चुनाव के तहत उत्तरप्रदेश में महागठंधन बनता है तो एनडीए को आधी से भी कम सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. सी वोटर की मानें तो इसका फायदा सीधे महागठबंधन को होता दिखेगा जिसके चलते एनडीए को 31, यूपीए को 5 और महागठबंधन के खाते में 44 सीटे जाती दिख रही हैं.
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