ABP News EXCLUSIVE: देश के 10 राज्यों में सूखा, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं लोग
एबीपी न्यूज़ ने 10 में से आठ राज्यों के कई गांवों के उन हालात का जायज़ा लिया, जहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. पानी पर बंदूक का पहरा लगाया गया है. राज्यों ने केंद्र से मदद मांगी है और उन्हें मिली भी, लेकिन हालात इतने संगीन हैं कि पानी के लिए तरस रहे लोगों की बदहाली को देखकर किसी भी आंखें नम हो जाए.
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View In Appदेश के दस राज्य इस वक्त सूखे का सामना कर रहे है. पीने के पानी को लेकर देश के कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है. सूखे में फसल की बरबादी ने किसानों की कमर तो तोड ही दी है, लेकिन उनके सामने अब जिंदगी बचाने के लिए पीने के पानी का नया संघर्ष खड़ा हो गया है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, बुंदेलखंड, तेलंगाना में हालात बद से बदतर हैं.
800 लोगों के पीने का पानी का सिर्फ एक छोटा सा स्रोत है. शादी में पानी के इंतजाम के लिए बैठती हैं पंचायत. तीन साल में छत्तीसगढ़ में 302 किसानों ने खुदकुशी की.
छत्तीसगढ़ में पांच जिले सूखे की चपेट में हैं. बलरामपुर में एक किलोमीटर चलने के बाद पीने का पानी मिलता है.
4. छत्तीसगढ़:- शादी में पानी के इंतजाम के लिए बैठती हैं पंचायत छत्तीसगढ़ में सूखे की हालत ऐसी है कि लोगों के लिए पीने के पानी का ब़ड़ा संकट खड़ा हो गया है. एबीपी न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया है कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है.
3. कर्नाटक:- जहां एक घड़ा एक घंटे में भरता है कर्नाटक के कई इलाके भी सूखे की चपेट में हैं खासतौर पर उत्तरी कर्नाटक के जिले. बीदर जिले में एक घड़ा एक घंटे में भरता है. बीदर में लोग आधी बाल्टी से नहाते हैं. गुफा का पानी सूखने से नरसिंह मंदिर के दर्शन बंद कर दिए गए हैं. उत्तर कर्नाटक के 12 जिलों में पिछले तीन साल से सूखा है.
2. मराठवाडा:- 12 हजार लीटर पानी का टैंक महज़ 10 मिनट में हो जाता खाली देश में सूखे का सबसे ज्यादा कहर यहीं देखने को मिलता है औऱ पानी के लिए संघर्ष की रोंगटे खड़ी कर देने वाली तस्वीरें भी. पानी की एक-एक बूंद के लिए यहां के लोगों की बेबसी देखकर किसी की भी आंख में आंसू आ जाएंगे. मराठवाड़ा के परभणि और लातूर में पानी के लिए धारा 144 तक लगानी पड़ी है. मराठवाड़ा के 11 में से 7 बांध सूखे हैं. सरकार एक हफ्ते में 200 लीटर पानी ही देती है. लोग 8 दिन तक कपड़े ना धोने को मजबूर हैं. 12 हजार लीटर पानी का टैंक 10 मिनट में खाली हो जाता है.
1. बुंदेलखंड:- बंदूकों के सहारे की जा रही पानी की निगरानी बुंदेलखंड में सूखे से लोग बेहाल हैं. मनरेगा में काम न मिलने से लोगों ने गांव छोड़ दिए हैं. गांवों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे ही रह गए हैं. बुंदेलखंड के टीकमगढ़ में बंदूकों से पानी की निगरानी की जा रही है. 52 दिन की औसत बारिश अब 23 दिन तक सिमट गई है.
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