विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री = मोटी सैलरी? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
विदेश में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की पहली पसंद कंप्यूटर साइंस और मैथमेटिक्स है. खासकर अमेरिका की यूनिवर्सिटीज इन कोर्सेज के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. साल 2023-24 की एक रिपोर्ट के मुताबिक 43 फीसदी भारतीय स्टूडेंट्स ने साइंस और मैथमेटिक्स की पढ़ाई के लिए अमेरिका को चुना.
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View In Appवहीं, इकॉनॉमिक्स, हिस्ट्री, साइकोलॉजी और पॉलिटिकल साइंस जैसे कोर्स भी भारतीय छात्रों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. अमेरिका और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज इस क्षेत्र में टॉप पर हैं.
साथ ही फिजिक्स, केमिस्ट्री और अर्थ साइंसेज जैसे फिजिकल साइंसेज में स्टूडेंट्स की संख्या पिछले एक दशक में काफी बढ़ी है. वहीं, बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, एग्रीकल्चर, जीनोमिक्स और इम्यूनोलॉजी जैसे लाइफ साइंसेज के कोर्स भी लोकप्रिय हो रहे हैं.
इंजीनियरिंग स्ट्रीम विदेश में पढ़ाई के लिए हमेशा से टॉप चॉइस रही है. अमेरिका की यूनिवर्सिटीज इस क्षेत्र में अग्रणी हैं. इस साल भी करीब 25% भारतीय छात्रों ने विभिन्न इंजीनियरिंग ब्रांचेज में एडमिशन लिया.
इनके अलावा बिजनेस और मैनेजमेंट कोर्सेस में भी भारतीय छात्रों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. अंडर ग्रेजुएट लेवल के लिए अमेरिका पसंदीदा गंतव्य है, लेकिन एमबीए की महंगी फीस और सीमित सीटों की वजह से कई स्टूडेंट्स यूरोप की यूनिवर्सिटीज को तरजीह देते हैं.
एक्सपर्ट्स की मानें तो अमेरिका, यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की टॉप यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई का सीधा फायदा करियर पर पड़ता है. इन संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज न केवल इंडस्ट्री-फोकस्ड होते हैं, बल्कि छात्रों को ग्लोबल नेटवर्किंग और एक्सपोजर का भी लाभ मिलता है.
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