Minority Status Institutes: भारत में इन बड़े संस्थानों को मिला है अल्पसंख्यक दर्जा, चेक कर लें लिस्ट
इन संस्थानों का मकसद अपने-अपने समुदायों के शैक्षणिक विकास और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करना है. इसके अलावा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त होने से इन संस्थानों को प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर कुछ विशेष अधिकार मिलते हैं.
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View In App1920 में स्थापित, एएमयू भारत के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है. हालांकि इसका अल्पसंख्यक दर्जा सुप्रीम कोर्ट में विवाद का विषय रहा है. लेकिन इसे अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है.
जामिया मिलिया इस्लामिया को 2011 में अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया था. इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के शैक्षणिक विकास के लिए अवसर प्रदान करना है, हालांकि यहां सभी समुदायों के छात्र अध्ययन करते हैं.
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू), हैदराबाद की स्थापना 1998 में हुई थी. यह विश्वविद्यालय उर्दू भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए काम करता है और अल्पसंख्यक छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अवसर प्रदान करता है.
हमदर्द विश्वविद्यालय, नई दिल्ली की स्थापना 1989 में की गई थी. हमदर्द विश्वविद्यालय को मुस्लिम अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त है. यह स्वास्थ्य, फार्मेसी, यूनानी चिकित्सा आदि क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करता है और मुस्लिम छात्रों के शैक्षणिक विकास पर विशेष ध्यान देता है.
नई दिल्ली में स्थित जीसस एंड मैरी कॉलेज और दिल्ली में मौजूद सेंट स्टीफेंस कॉलेज को अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है. ये संस्थान क्रिश्चियन समुदाय के शैक्षणिक विकास के लिए प्राथमिकता देते हैं. लेकिन अन्य समुदायों के छात्र भी अध्ययन करते हैं.
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