हलवा पर संसद गर्म! 'छाले पड़ गए होंगे', राहुल गांधी के बयान पर आचार्य प्रमोद ने ली चुटकी, जानें- क्या है पूरा विवाद
हलवा से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए दावा किया था कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है पर इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) हैं, जबकि उनमें एक भी दलित एवं आदिवासी नहीं है.
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View In Appनिर्मला सीतारमण ने बताया कि हलवा समारोह में उपस्थित अधिकारियों की जाति की ऐसी सांख्यिकीय गणना पहले संप्रग शासन में नहीं की गई थी. उनके मुताबिक, ''यह एक साजिश है और इसीलिए यह सवाल पूछा जा रहा है. अब इसमें शामिल सभी लोगों की जाति पूछकर लोगों को विभाजित क्यों किया जा रहा?''
वित्त मंत्री आगे बोलीं, ‘‘फोटो कार्यक्रम 2013-14 में शुरू हुआ. तत्कालीन कांग्रेस नीति संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार) के वित्त मंत्री नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में गए और परंपरागत रूप से हलवा बांटा. उस समय हलवा समारोह क्यो नहीं रद्द किया गया? आपके पास (गांधी) तो रिमोट कंट्रोल की ताकत थी. उस समय के समारोह में कितने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या ओबीसी के अधिकारी थे?
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