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यूपी उपचुनाव से पहले अखिलेश यादव ने किसे दिया मॉनसून ऑफर? जानें इस सियासी दावे में कितना है दम
UP By Election: यूपी में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं. 10 सीटें खाली हैं. इन सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने हैं. ऐसे में एक बार फिर सपा और बीजेपी के बीच सियासी घमासान देखने को मिलेगा.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
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लोकसभा चुनाव के नतीजों से यूपी में सपा एक बार फिर से मजबूत हुई है.. वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी में खलबली मची हुई है. सपा सूबे से सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली एकमात्र इकलौती पार्टी बन गई है. इस बीच (18 जुलाई) गुरुवार को अखिलेश यादव ने बीजेपी के बागी धड़े को मॉनसून ऑफर भी दे दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने एक मानसून ऑफर का जिक्र कर दिया. उन्होंने लिखा मानसून ऑफर 100 लाओ सरकार बनाओ.
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ऐसे में देखना ये होगा कि सपा के दावे में कितना दम हैं. क्योंकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा सिर्फ 111 सीटें जीत सकी थी. मगर, अभी सपा के पास महज 105 ही विधायक हैं. चूंकि, यूपी की विधानसभा में 403 सीटें हैं. जिनमें से 10 रिक्त पड़ी सीटों पर उप चुनाव होने हैं. ऐसे में विधानसभा में 393 सदस्य ही बचे हुए हैं. मगर, बहुमत साबित करने के लिए 197 विधायकों की जरूरत पड़ेगी.
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वहीं, अखिलेश यादव के मॉनसून ऑफर को देखकर क्या संभव है कि वो बीजेपी के 100 विधायकों को तोड़कर प्रदेश में सपा की सरकार बना लेंगे. ऐसे में सपा विधायकों के नंबर देखे तो अभी अखिलेश की पार्टी में 105 विधायक हैं. जिसमें अगर कांग्रेस के 2 विधायक मिला दे तो भी 107 ही होंगे. वहीं, सरकार बनाने के लिए इंडिया गठबंधन को और 90 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में आंकड़ों के हिसाब से सपा सरकार बनाने से काफी दूर है.
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क्या बीजेपी के 100 विधायक टूट सकते हैं? ऐसे में अगर आंकड़ो को देखे तो यूपी विधानसभा में कुल 393 सदस्य हैं. वहीं, बहुमत के लिए 197 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. अकेले बीजेपी के पास ही महज 251 विधायक हैं. अगर एनडीए के साथियों को मिला दें तो ये संख्या बढ़कर 285 हो जाती है. वहीं, बीजेपी को आरजेडी, अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी का समर्थन भी शामिल है.
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वहीं, अखिलेश यादव भी जानते है कि 100 विधायकों का टूटना काफी मुश्किल भरा है.ऐसे में ये सिर्फ एक राजनीतिक जुमला है. ये एक तरह से साइकोलॉजिकल गेम है. जिसे अखिलेश यादव खेलने की कोशिश कर रहे हैं.
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अगर, कानून की भाषा में समझे तों किसी पार्टी से बागी होकर विधायक टूटते हैं और दूसरे दल में शामिल होते हैं तो उन्हें सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना होता है. इसके लिए विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत एक्शन लिया जा सकता है. ऐसे विधायकों की सदस्यता चली जाती है, जहां कोई भी विधायक इस तरह का रिस्क लेने से बचेगा.
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हालांकि, सपा सुप्रीमों अखिलेश ने इससे पहले भी सितंबर 2022 में बीजेपी विधायकों और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बड़ा ऑफर दिया था. अखिलेश ने केशव को 100 विधायकों के साथ पाला बदलने पर मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया था. अखिलेश का कहना था कि अगर, केशव प्रसाद मौर्य आज भी ले आएं 100 विधायक. तो समाजवादी पार्टी समर्थन करके उन्हें मुख्यमंत्री बना देगी.
Published at : 18 Jul 2024 10:25 PM (IST)
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