Election Results 2024
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BJP ने चंद्रबाबू नायडू को दिया ये इनाम, बिहार में नीतीश कुमार को मिला झटका; जानें क्या है पूरा मामला
चंद्रबाबू नायडू को मोदी सरकार 3.0 का समर्थन करने से क्या मिला? ये सवाल राजनीतिक गलियारों में पूछा जाता है. टीडीपी के 16 सांसदों के समर्थन से मोदी सरकार चल रही है . इसके बाद भी मोदी सरकार में टीडीपी को सिर्फ एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री पद मिला.
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View In Appन्यूज तक की रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू को खुश करने के लिए भाजपा ने उन्हें एक नया इनाम दिया है. लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने वाले सांसद टीवी का प्रसारण अब तेलुगु में भी शुरू हो गया है. बजट के लिए संसद का सत्र शुरू हुआ तो यूट्यूब पर संसद टीवी ने तेलुगु में भी संसद की कार्यवाही दिखानी शुरू की.
सांसद टीवी की तेलुगु स्ट्रीमिंग का फायदा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों को होगा, जहां सबसे ज्यादा लोग तेलुगु भाषी हैं. तेलुगु स्ट्रीमिंग शुरू होने से यह तो दिख रहा है कि सरकार टीडीपी को गंभीरता से ले रही है. चंद्रबाबू नायडू की छोटी-छोटी खुशियों और मांगों को ख्याल रखा जा रहा है. बजट के बाद और ज्यादा साफ हो जाएगा की टीडीपी और चंद्रबाबू नायडू का कितना ख्याल रखा गया.
कांग्रेस नेता जय राम रमेश के दावे के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य वाला दर्जा दिलाने की मांग की थी, जिसे अब सरेंडर कर दिया है. जयराम रमेश ने दावा किया है कि पार्टी मीटिंग में वाईआरसीपी ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग की थी. वहीं जेडीयू ने भी बिहार के लिए विशेष दर्जा मांगा है, लेकिन बजट शुरू होने से पहले ही चंद्रबाबू नायडू ने चुप्पी साध ली.
चंद्रबाबू नायडू ने 15 दिन में दो बार दिल्ली के चक्कर लगाए. पीएम मोदी, अमित शाह, निर्मला सीतारमण से मिले, लेकिन कहा जा रहा है की मुलाकातों का फोकस विशेष राज्य पर कम रहा. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य बनवाना नायडू के लिए गले में फंसी किसी हड्डी की तरह है. मोदी सरकार 1 में भी नायडू बीजेपी के साथ थे, लेकिन 2018 में एनडीए से अलग हो गए. क्योंकि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा रहा था. अब जब 2024 में बीजेपी से जुड़े हैं तो उम्मीद लगाई जा रही है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलवा देंगे.
वहीं झंझारपुर के जदयू सांसद रामप्रीत मंडल ने लोकसभा में सरकार से लिखित जवाब मांगा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर क्या स्टैंड है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित में दे दिया कि बिहार विशेष राज्य के लिए फिट नहीं है. ये बिहार पर सरकार का फाइनल जवाब है. अब जेडीयू और नीतीश कुमार पर निर्भर करता है कि वह इसे मुद्दा बनाए रखेंगे या नहीं. जदयू का कहना है कि हमने मांग पत्र नहीं बल्कि अधिकार पत्र दिया था.
मोदी सरकार थी में जितनी ज़रूरी 16 सांसदों वाली टीडीपी की है उतनी ही जरूरी 12 सांसदों वाली जेडीयू की भी है. समर्थन देने के बाद नीतीश कुमार संसद के सेंट्रल हॉल में मोदी के पांव छूने के लिए झुके थे. नीतीश कुमार ने उम्मीद जताई थी कि मोदी बिहार का सब काम कर ही देंगे. पता नहीं नीतीश के मन में विशेष राज्य का दर्जा दिलाना था या कुछ और.
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